नई दिल्ली: कनाडा और भारत का संबंध बुरे दौर से गुजर रहा है. इन दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के उस आरोप के बाद आई जिसमें उन्होंने कहा कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के एजेंट का हाथ है. इसके बाद कनाडा की सरकार ने भारत […]
नई दिल्ली: कनाडा और भारत का संबंध बुरे दौर से गुजर रहा है. इन दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के उस आरोप के बाद आई जिसमें उन्होंने कहा कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के एजेंट का हाथ है. इसके बाद कनाडा की सरकार ने भारत के एक टॉप लेवल के डिप्लोमैट को देश से निष्कासित किया. जवाब में भारत की तरफ से कार्रवाई करते हुए कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया गया. अब खबर आ रही है कि चीन इस मुद्दे पर भारत के साथ खड़ा होता दिख रहा है.
भारत और कनाडा के बीच चल रहे विवाद की चर्चा दुनियाभर में हो रही है. अब चीन में भी इस मुद्दे पर बात होने लगी है. इसमें खास बात ये है कि चीन के दोनों ही देशों के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं. भारत से उसकी दुश्मनी सबको पता है. जबकि अमेरिका से नजदीकी की वजह से कनाडा को भी पसंद नहीं करता. चीन में भारत को लेकर यह धारणा है कि भारत अमेरिका के साथ दोस्ती रखता है इसलिए वह उसका का दुश्मन है. जबकि कनाडा को लेकर उसका मानना है कि वह अमेरिका के 51वें राज्य के रूप में काम करता है. ऐसे में चीन की मीडिया में ये खबरे चल रही हैं कि भारत-कनाडा के विवाद का कारण अमेरिका है.
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन की मीडिया ने भारत को अलर्ट करते हुए लिखा कि यह घटना भारत के साथ पश्चिम के वैचारिक मतभेदों को दिखती है. उन्होंने कहा कि कनाडा अमेरिका के उकसावे में काम कर रहा है ऐस में यह संभव नहीं है कि पश्चिम के देश भारत के साथ समान स्तर पर सहयोग करेंगे.
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