नई दिल्ली: अगले ही साल देश में लोकसभा यानी आम चुनाव होने जा रहे हैं. इस बार भाजपाई नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्षी व गैर भाजपाई दलों से मिलकर बने इंडिया गठबंधन के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी. जहां विपक्षी दलों को एक साथ लाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर एक […]
नई दिल्ली: अगले ही साल देश में लोकसभा यानी आम चुनाव होने जा रहे हैं. इस बार भाजपाई नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्षी व गैर भाजपाई दलों से मिलकर बने इंडिया गठबंधन के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी. जहां विपक्षी दलों को एक साथ लाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैर एक बार फिर लड़खड़ाते नज़र आ रहे हैं. वह इंडिया की राह पर चलते-चलते ऐसे कई संकेत दे रहे हैं जिससे उनके बीजेपी के साथ दौड़ लगाने की अटकलें तेज हो गई हैं.
माना जा रहा है कि नीतीश कुमार इंडिया में खुद की जमीन तलाश रहे हैं लेकिन उन्हें वो तवज्जो नहीं दी जा रही है जिसकी वह अपेक्षा कर रहे थे. इसी बीच उनका झुकाव भाजपा की ओर बढ़ते भी देखा जा सकता है. हालांकि बीजेपी की ओर से उनके लिए नो एंट्री की बात साफ़ कही गई थी. बीते दिनों जब नीतीश कुमार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में शामिल हुए तो पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने कहा है कि बीजेपी में नीतीश कुमार की एंट्री नहीं हो सकती है. हालांकि अब केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने इस संबंध में बड़ा बयान दे दिया है.
केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के चीफ पशुपति पारस ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि यदि नीतीश कुमार वापस आते हैं तो उनका स्वागत है. उनके इस बयान का इशारा नीतीश कुमार भी समझ ही गए होंगे। बता दें, ये बयान ऐसे समय में आया है जब नीतीश और भाजपा के संभावित करीबी को लेकर भाजपा में दो तरह के मत बंट गए हैं. ऐसे में ये भी साफ़ हो गया है कि भाजपा में ऐसे कई सदस्य हैं जो नीतीश कुमार की वापसी को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं.