हैदराबाद : तेलंगाना के दो गांवों को भारत सरकार ने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया है जिनमें एक पेम्बर्थी है,जो कि जनगांव जिले में पड़ता है. वहीं दूसरा गांव सिद्दीपेट जिले का चंदलापुर है. विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर भारत सरकार इन दोनों गांवों को 27 सितंबर को सम्मानित करने जा रही है. भारत […]
हैदराबाद : तेलंगाना के दो गांवों को भारत सरकार ने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया है जिनमें एक पेम्बर्थी है,जो कि जनगांव जिले में पड़ता है. वहीं दूसरा गांव सिद्दीपेट जिले का चंदलापुर है. विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर भारत सरकार इन दोनों गांवों को 27 सितंबर को सम्मानित करने जा रही है.
भारत सरकार की ओर जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्र सरकार तेलंगाना हस्तशिल्प और पर्यटन केंद्रों को हमेशा से प्रोत्साहन देती रही है. भारत सरकार की पहल के एक हिस्से के रूप में नवंबर 2021 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) द्वारा भूदान पोचमपल्ली को सर्वश्रेष्ठ पर्यटक गांव के रूप में मान्यता दी गई थी.
जी20 सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अतिथियों को उपहार के रूप में तेलंगाना की संस्कृति से जुड़े वस्त्र और कला उत्पाद उपहार के तौर पर देकर यहां की संस्कृति के लिए वैश्विक मान्यता और सम्मान सुनिश्चित किया है. देश के साथ-साथ दुनिया में भी आज राज्य के इन दोनों गांवों की सांस्कृतिक पहचान स्थापित हुई है. इसी वजह से तेलंगाना के इन दो गांवों को ये दर्ज़ा दिया जा रहा है. बता दें कि सांस्कृतिक विरासत और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के तत्वाधान में गांवों के लिए सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता शुरू की गई है.
विभिन्न मापदंडों के आधार पर इन गांवों का चयन किया गया है. इन मापदंडों में सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधन, आर्थिक स्थिरता, सामाजिक स्थिरता, पर्यावरणीय स्थिरता, पर्यटन विकास शामिल हैं. काकतीय राजवंश के समय से तेलंगाना का पेम्बर्थी गांव हस्तशिल्प और धातु के कामों के लिए प्रसिद्ध है.शिल्प कौशल का सबसे बड़ा उदाहरण ये गांव रहा है जहां के बर्तन, मूर्तियां, सजावट के सामान समेत कई चीजे विश्व भर में प्रचलित हैं. यहां के ग्रामीणों ने ये काम काफी शुरुआती समय से किया है जो यहां के लोगों का प्रमुख व्यवसाय बनकर उभरा.
वहीं, सिद्दीपेट जिले का चंदलापुर हथकरघा के लिए प्रसिद्ध है.विशेष रूप से इस गांव को ‘गोलभामा’ साड़ियों के उत्पादन को लेकर प्रसिद्धि मिली. वहीं यहां की समृद्ध विरासत भी है. यहां के कई ग्रामीणों ने बुनाई को अपना व्यवसाय बनाया हुआ है.