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भारत से दुश्मनी कनाडा को पड़ेगी भारी, गुड़-बिस्किट जैसी चीज़ों के लिए तरस जाएगा देश

नई दिल्ली: भारत और कनाडा का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है जहां दोनों देशों के बीच तनाव पहले दिन की ही तरह बना हुआ है. हालांकि इसका प्रभाव दोनों देशों की इकॉनमी पर भी पड़ने के आसार हैं. भारत की बात करें तो वह दुनिया के पटल पर उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाला देश […]

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  • September 24, 2023 7:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: भारत और कनाडा का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है जहां दोनों देशों के बीच तनाव पहले दिन की ही तरह बना हुआ है. हालांकि इसका प्रभाव दोनों देशों की इकॉनमी पर भी पड़ने के आसार हैं. भारत की बात करें तो वह दुनिया के पटल पर उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाला देश है. यदि भारत के साथ कनाडा के रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती है तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

खाने-पीने का सामान है शामिल

दरअसल बिस्किट, गुड़, चीनी से लेकर कई खाने-पीने की चीजों के लिए कनाडा भारत जैसे देशों पर ही निर्भर करता है. खाने-पीने की चीज़ों से लेकर हैंडबैग और कपड़े तक ऐसी कई वस्तुएं हैं जिन्हें भारत से कनाडा एक्सपोर्ट किया जाता है. हालांकि हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा लेकिन यदि कनाडा को खाने-पीने की चीजें ही नहीं मिलीं और इसका इंपोर्ट बंद हो गया तो वहां मुश्किलें बढ़ जाएंगी. आइए आपको बताते हैं वो कौन सी चीज़ें हैं जो कनाडा भारत की अर्थव्यवस्था से इंपोर्ट करवाता है.

 

पंजाब से कनाडा का ये है रिश्ता

दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ते हैं तो कनाडा के लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी. भारत से कनाडा में इंपोर्ट होने वाले सामानों की गिनती खाने-पीने की कई चीज़ें आती हैं. इसमें से मुख्यतः पंजाब से एक्सपोर्ट होने वाला सामान है जिसमें आटा बिस्कुट, रस, गुड, चीनी, गजक, रेवड़ी शामिल है. भारत यदि फैसला लेते हुए कनाडा में जाने वाले सामान पर बैन लगा देता है तो कनाडा खाने के लिए तक तरस सकता है क्योंकि इनमें कई ऐसी चीज़ें हैं जिसकी कनाडा में मांग काफी ज़्यादा है. बिस्किट, चीनी के अलावा सर्दियों के कपड़े, हैंडटूल, गार्डनिंग टूल की मांग भी कनाडा में काफी ज़्यादा है जिसकी पूर्ती पंजाब से ही की जाती है.

ढोलक, तबले भी हैं शामिल

इतना ही नहीं इस लिस्ट में परंपरागत सामान जैसे घड़े, मटके, ढोलकी, तबला, मंजे, हरमोनियम, मूडे भी शामिल है. दरअसल इसके पीछे सबसे बड़ा कारण कनाडा में बसने वाली पंजाबी आबादी है जो वहाँ की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा है. इस आबादी की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं. यही कारण है कि कनाडा में भी कई पंजाबी स्टोर्स देखने को मिलते हैं. यदि दोनों देशों के बीच कड़वाहट कम नहीं हुई तो यकीनन इन दुकानों और छोटे कारोबारियों का भी दम घुट जाएगा.

हालांकि टोरंटो, वैंकूवर, कैलगिरी, विनीपैग और मोरंटियल में इन सामानों का सबसे ज्यादा इंपोर्ट होता है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस सालों में कनाडा में परंपरागत खाने-पीने के सामानों की खासी मांग बढ़ी है.

 

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