नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण से जुड़ा नारी शक्ति वंदन बिल पेश कर दिया. इस बिल पर आज दूसरे दिन चर्चा जारी है जहां लोकसभा की कार्यवाही नए संसद भवन में की जा रही है. संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चर्चा […]
नई दिल्ली: संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण से जुड़ा नारी शक्ति वंदन बिल पेश कर दिया. इस बिल पर आज दूसरे दिन चर्चा जारी है जहां लोकसभा की कार्यवाही नए संसद भवन में की जा रही है. संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चर्चा में हिस्सा लिया. इस दौरान राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है. इसके साथ उन्होंने सेंगोल के मामले में केंद्र सरकार को घेरा भी है.
महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, ‘भारत की महिलाओं को सत्ता हस्तांतरित करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम था पंचायती राज, जहां उन्हें आरक्षण दिया गया और बड़े पैमाने पर राजनीतिक व्यवस्था में प्रवेश करने की अनुमति दी गई… हर कोई इस बात का समर्थन करेगा कि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा कदम है। महिलाओं ने आज़ादी के आंदोलन में भी भाग लिया… लेकिन मेरे हिसाब से यह बिल अधुरा है क्योंकि इसमें OBC आरक्षण की बात नहीं है…इसमें दो बात नहीं है, पहली बात तो यह कि आपको इस बिल के लिए एक नई जनगणना और नया परिसीमन करना होगा। मेरी नजर में इस बिल को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33% आरक्षण देकर लागू कर देना चाहिए।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आगे कहते हैं, “सरकार कई मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है…इसमें से एक मुद्दा है जातिगत जनगणना। मुझे बिल्कुल समझ नहीं आता कि क्या कारण है कि जैसे ही विपक्ष जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाता है, भाजपा अन्य मुद्दों को लाकर अचानक ध्यान भटकाने की कोशिश करती है ताकि OBC समुदाय और भारत के लोग दूसरी तरफ देखने लगें।”
महिला आरक्षण बिल का विरोध करते हुए AIMIM चीफ असुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि इस बिल में आखिर OBC और मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं दिया गया है? उन्होंने इस दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर भी पलटवार किया और कहा कि यदि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है तो 1950 प्रेसिडेंसिल ऑर्डर क्या है? वह आगे कहते हैं कि केन्द्र में बैठी सरकार पिछड़ों और दबे-कुचलों को आगे बढ़ने से रोकना चाहती है. लोकसभा में सरकार केवल बड़े लोगों को आगे लाना चाहती है. आखिर में वह कहते हैं कि ये बिल मुस्लिम प्रतिनिधित्व को रोक देगा.