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धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं…. डिंपल की मांग पर स्मृति ने किया पलटवार

नई दिल्ली: आज नई संसद में कार्यवाही का तीसरा दिन है जहां पहले दिन यानी मंगलवार को केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश किया. कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कल ये बिल पेश किया और इसके प्रावधानों के बारे में संसद को जानकारी दी. कांग्रेस सांसद सोनिया गाँधी ने इसके बाद ऐलान किया कि […]

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धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं…. डिंपल की मांग पर स्मृति ने किया पलटवार
  • September 20, 2023 4:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: आज नई संसद में कार्यवाही का तीसरा दिन है जहां पहले दिन यानी मंगलवार को केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश किया. कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कल ये बिल पेश किया और इसके प्रावधानों के बारे में संसद को जानकारी दी. कांग्रेस सांसद सोनिया गाँधी ने इसके बाद ऐलान किया कि महिला आरक्षण बिल पर वह समर्थन करती हैं. हालांकि उन्होंने आगे जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का प्रावधान इस बिल में शामिल किए जाने की बात भी कही. आज इस बिल पर चर्चा का दूसरा दिन है जहां केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने केंद्र सरकार की ओर से विपक्ष के सवालों के जवाब दिए. इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव पर निशाना साधा.

 

डिंपल की मांग पर ये कहा

दरअसल आज सपा सांसद डिंपल यादव ने मांग की थी कि पिछड़े वर्ग और मुस्लिम महिलाओं को भी महिला आरक्षण बिल में आरक्षण दिया जाए. उनकी इस मांग पर जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा है कि जो लोग महिला आरक्षण बिल में अल्पसंख्यकों के आरक्षण की मांग कर रहे हैं उन्हें बताना चाहती हूं की संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं दिया गया है.

 

स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि आप एससी और मुस्लिम आरक्षण क्यों नहीं देते? हमसे ये सवाल किया जा रहा है. मुझसे ज़्यादा अनुभवी लोग जो बिना अनुमति के बोल रहे हैं उन्हें इस बात का आभास नहीं है कि संविधान में किसी भी धर्म के आधार पर आरक्षण देना वर्जित है. केंद्रीय मंत्री आगे कहती हैं कि यह वो भारत, जहां पर डिजिटली भी लोगों के पास व्यवस्थाएं पहुंची हैं, हमारे देश के नागरिक को इसलिए जिस प्रकार विपक्ष भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है उसमें न फंसे, तथ्यों का रिकॉर्ड पर आना, उचित है.

‘संवैधानिक विकास में आप रोड़ा न बनें’

उन्होंने आगे कहा कि इस सभागार में जो आज बिना पीठ की अनुमति के आते हैं और आते ही एक शब्द का उच्चारण कर रहे हैं इसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि देखी जाए, विधानसभा में महिला के साथ क्या आचरण करने का इतिहास है. ये महिला के आचरण पर आज टिप्पणी न करें. राष्ट्र सरकार के इस फैसले को स्वीकार करते हुए नारी शक्ति वंधन को समर्थन देता है. राष्ट्र की महिलाओं के संवैधानिक विकास में आप रोड़ा न बनें, तो राष्ट्र कृतज्ञ रहेगा.

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