नई दिल्लीः भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित की गई दो दिवसीय जी20 समिट का सफल समापन हो गया है। जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। पीएम मोदी ने सभी विदेशी मेहमानों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी। वहीं राष्ट्रपति दोप्रदी मुर्मु के द्वारा रात्रिभोज का भी आयोजन किया गया। वहीं बैठक के […]
नई दिल्लीः भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित की गई दो दिवसीय जी20 समिट का सफल समापन हो गया है। जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है। पीएम मोदी ने सभी विदेशी मेहमानों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी। वहीं राष्ट्रपति दोप्रदी मुर्मु के द्वारा रात्रिभोज का भी आयोजन किया गया। वहीं बैठक के पहले दिन भारत के तरफ से जारी घोषणापत्र पर सभी देशों ने100 प्रतिशत सहमति दे दी। घोषणापत्र बनाने के लिए काफी मेहनत की गई। इस घोषणापत्र को तैयार करने की जिम्मेदारी जी20 शेरपा अमिताभ कांत को दी गई थी।
200 घंटे तक हुई चर्चाएं
जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि घोषणापत्र संपूर्ण जी20 का सबसे कठिन हिस्सा भू- राजनीतिक पैरा पर आम सहमति बनाना था। यह 200 घंटे की बातचीत , 300 द्विपक्षीय बैठकें और 15 मसौदों के बाद तैयैर किया गया था। बता दें कि जी20 में चर्चा से लेकर व्यवस्थाओं तक की जिम्मेदारी अमिताभ कांत को दि गई थी। उनके कुशल नेतृत्व को लेकर उन्हें न केवल प्रधानमंत्री बल्कि विपक्ष के सदस्यों से भी तारीफ मिली। अमिताभ कांत ने बताया कि जी20 सम्मेलन में अपनाए गए जी20 घोषणापत्र पर सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों की एक टीम को लगातार विदेशी मेहमानों से बातचीत करनी पड़ी।
जी20 के शेरपा बनाए गए थे अमिताभ कांत
बता दें कि अमिताभ कांत केरल कैडर के 1980 बैच के अधिकारी अमिताभ कांत पूर्व में नीति आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके है। कांत ने कहा कि जी20 घोषणापत्र सभी विकासात्मक और राजनीतिक मुद्दों पर 100 फिसदी आम सहमती के साथ ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है। अमिताभ कांत ने कहा कि नए भू – राजनितिक पैराग्राफ आज की दुनिया में लोगों और शांति के लिए एक शक्तिशाली आह्वान हैं। उन्होंने कहा कि जी20 घोषणापत्र को अंतिम रुप दिए जाने से आज दुनिया में पीएम मोदी का नेतृत्व झलकता है।