नई दिल्ली: मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर संसद से लेकर सड़कों तक बवाल जारी है इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने संज्ञान में ले लिया है. इसी क्रम में आज मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई जिसपर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कई अहम टिप्पणियां की है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में […]
नई दिल्ली: मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर संसद से लेकर सड़कों तक बवाल जारी है इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने संज्ञान में ले लिया है. इसी क्रम में आज मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई जिसपर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कई अहम टिप्पणियां की है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर हिंसा मामले में सुनवाई को कल तक के लिए टाल दिया गया है.
Supreme Court posts the matter relating to Manipur violence for tomorrow at 2pm. https://t.co/LTydjMV96z
— ANI (@ANI) July 31, 2023
मणिपुर वायरल वीडियो मामले में मैतेई समुदाय की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केवल एक ही वीडियो वायरल नहीं हुआ है, ऐसे कई वीडियो हैं जहां लोगों को सार्वजनिक तौर पर मार डाला गया. सीजेआई चंद्रचूड़ ने मैतेई समुदाय की ओर से पेश वकील से कहा कि वे आश्वस्त रहें हमने केवल मामले के कागजात नहीं पढ़े हैं। मैंने भी वीडियो देखा है. सीजेआई का कहना है कि वह वीडियो राष्ट्रीय आक्रोश का विषय था और इस मामले पर हमें ध्यान देने की जरूरत क्यों पड़ी?
Manipur viral video case | Counsel appearing for Meitei community says there is not only one video that went viral, there are many such videos where people were executed in public view.
CJI Chandrachud tells lawyer appearing for the Meitei community to be rest assured that we…
— ANI (@ANI) July 31, 2023
वहीं इस मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि यह निर्भया जैसी स्थिति नहीं है, जिसमें एक बलात्कार किया गया था – वह भी भयावह था लेकिन अलग-थलग था। यहां हम प्रणालीगत हिंसा से निपट रहे हैं जिसे आईपीसी एक अलग अपराध के रूप में मान्यता देता है। इसलिए प्रशासन में विश्वास की भावना को बहाल करने के लिए, अदालत द्वारा नियुक्त टीम के पास यह संदेश देने के लिए अपना संदेश है कि सर्वोच्च नियुक्त अदालत गहराई से चिंतित है – वह बिना किसी राजनीतिक गठबंधन वाले अधिकारियों को भेजेगी। बता दें, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि भारत सरकार मणिपुर को घरों के पुनर्निर्माण के लिए कौन सा पैकेज दे रही है?
मामले में सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर इस केस में सुप्रीम कोर्ट निगरानी करेगा तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने इस मामले को कभी भी असम स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया है. हमने कहा है कि इस मामले को मणिपुर के बाहर स्थानांतरित किया जाए, हमने असम नहीं कहा है. बता दें कि पीड़िताओं की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि महिलाएं इस मामले की सीबीआई जांच और इसे असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं.