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Sawan Somwar 2023: सावन का चौथा सोमवार आज, जानें शिव पूजन विधि और मुहूर्त

नई दिल्ली: पंचांग के मुताबिक पूरे साल में 12 और अधिकमास लगने पर 13 महीने होते हैं, जिसमें सावन के महीने का सबसे ज्यादा महत्व होता है. वहीं धार्मिक ग्रंथों में भी सावन माह के महत्व और महिमा को बखान किया गया है. सावन का शुभ महीना भगवान शिव की आरती, जलाभिषेक और व्रत के […]

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Sawan Somwar 2023: सावन का चौथा सोमवार आज, जानें शिव पूजन विधि और मुहूर्त
  • July 31, 2023 7:50 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: पंचांग के मुताबिक पूरे साल में 12 और अधिकमास लगने पर 13 महीने होते हैं, जिसमें सावन के महीने का सबसे ज्यादा महत्व होता है. वहीं धार्मिक ग्रंथों में भी सावन माह के महत्व और महिमा को बखान किया गया है. सावन का शुभ महीना भगवान शिव की आरती, जलाभिषेक और व्रत के लिए समर्पित है.

दरअसल इस बार तो सावन महीने में अद्भुत योग भी बना है, जिस वजह से सावन 59 दिनों का है और भक्त पूरे 8 सावन सोमवारी का व्रत रखेंगे. वहीं इस साल 2023 सावन में ही अधिकमास या मलमास लगा है, जिस वजह से सावन की अवधि 2 महीने मान्य होगी. सावन की शुरुआत 4 जुलाई साल 2023 को हुई थी और यह समापन 31 अगस्त 2023 को होगा. बता दें कि चौथे सावन सोमवार का व्रत-पूजन 31 जुलाई 2023 को किया जाना है.

चौथे सावन सोमवार का मुहूर्त

पंचांग के मुताबिक 31 अगस्त 2023 को यानी सावन के चौथे सोमवार पर शिववास नंदी पर होगा, जिसे बेहद ही शुभ बताया गया है. बताया जा रहा है कि 31 जुलाई को शिववास सुबह 07:26 तक ही रहेगा. माना जाता है कि शिववास का नंदी में होना रुद्राभिषेक के लिए उत्तम है. वहीं इस दिन जो लोग सावन के चौथे सोमवार को रुद्राभिषेक करना या फिर कराना चाहते हैं. साथ ही वह सुबह 07:26 तक रुद्राभिषेक कर सकते हैं. इस शुभ मुहूर्त में किए रुद्राभिषेक का अधिक लाभ मिलता है.

चौथे सोमवार की पूजा-अर्चना विधि

सावन के चौथे सोमवार के दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शुभ मुहूर्त में शिव मंदिर में जाकर या घर ही शिवलिंग की विधिविधान से पूजा-अर्चना करें. इसके अलावा शिवलिंग पर गंगाजल , शुद्ध जल या दूध से अभिषेक करें और चंदन, सफेद फूल, अक्षत, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, भस्म आदि अर्पित करें. इसी के साथ फिर शहद, मिठाई, फल, शक्कर का भोग लगाकर धूप-दीप दिखाएं. इस शुभ दिन पर शिव चालीसा पाठ और सोमवार व्रत कथा पढ़ें और आरती करें.

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