इम्फाल। विपक्षी महागठबंधन INDIA के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर पहुंच गया है. अलग-अलग दलों के 21 सांसदों वाला यह प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहा है. इस दौरान सभी नेता हिंसा प्रभावित जिले चुराचांदपुर पहुंचे और राहत शिविरों में पीड़ितों से मुलाकात की. लोग बेहद डरे हुए हैं- अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस […]
इम्फाल। विपक्षी महागठबंधन INDIA के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर पहुंच गया है. अलग-अलग दलों के 21 सांसदों वाला यह प्रतिनिधिमंडल ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहा है. इस दौरान सभी नेता हिंसा प्रभावित जिले चुराचांदपुर पहुंचे और राहत शिविरों में पीड़ितों से मुलाकात की.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने चुराचांदपुर में एक राहत शिविर का दौरा करने के बाद कहा कि लोगों के चेहरे से साफ झलक रहा है कि वे बहुत डरे हुए हैं. वे इस वक्त किसी से भी बात नहीं करना चाहते हैं. उनको पता है कि सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराने वाली है. सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए.
#WATCH | Manipur | After visiting a relief camp in Churachandpur district, Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury, says "It is clear from their faces, that they are extremely scared. They do not want to talk to anyone. They know that this government is not going to provide any help… pic.twitter.com/q6VfS1llvO
— ANI (@ANI) July 29, 2023
राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने राहत शिविर का दौरा करने के बाद कहा कि हमने यहां राहत शिविर में पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं को सुना. हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस स्थिति में बदलाव आएगा. हम सभी इसके लिए मिलकर काम कर रहे हैं.
#WATCH | Manipur | After visiting a relief camp in Churachandpur district, RJD MP Manoj Jha says, "We met several people in the relief camp here and listened to their problems. We have assured them that there will be a change in the situation and we are all working in that… pic.twitter.com/ltsRKN6Weo
— ANI (@ANI) July 29, 2023
तृणमूल कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने राहत शिविर का दौरा करने के बाद कहा कि हमारा यहां आना और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करना बहुत महत्वपूर्ण था. सबसे दुखद बात तो यह है कि मणिपुर में भारत सरकार को अपना प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए था. लेकिन सरकार ने नहीं भेजा और फिर विपक्षी दलों को प्रतिनिधिमंडल भेजना पड़ा.