नई दिल्ली: पिछले पांच दिनों से मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी है. 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र का अधिकांश समय हंगामे की वजह से जाया गया है. इस बीच विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने […]
नई दिल्ली: पिछले पांच दिनों से मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा जारी है. 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र का अधिकांश समय हंगामे की वजह से जाया गया है. इस बीच विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया है. अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस असम की कलियाबोर सीट से सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा महासचिव को भेज दिया है. अविश्वास प्रस्ताव की वजह से संसद का माहौल और गरमाया दिखाई दे रहा है.
बीआरएस सांसद नामा नागेश्वर राव ने कहा, “हमने अपनी पार्टी की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। सत्र शुरू होने के बाद से सभी विपक्षी नेता मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे। अगर पीएम इस पर बोलेंगे, तो देश के लोगों के बीच शांति होगी – इसलिए हमने प्रयास किए… इसलिए, आज यह प्रस्ताव लाया गया है…” इसी क्रम में राजद सांसद मनोज झा कहते हैं, “…हम जानते हैं कि संख्याएं हमारे पक्ष में नहीं हैं लेकिन लोकतंत्र सिर्फ संख्याओं के बारे में नहीं है। मणिपुर जल रहा है और लोग पीएम के बोलने का इंतजार कर रहे हैं…शायद अविश्वास के बहाने मोशन, उसे कुछ बोलने पर मजबूर किया जा सकता है। यही सबसे बड़ी उपलब्धि होगी…”
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी मीडिया से बात करते हुए कहते हैं, “लोगों को पीएम मोदी और बीजेपी पर भरोसा है. वे पिछले कार्यकाल में भी अविश्वास प्रस्ताव लाए थे. इस देश की जनता ने उन्हें सबक सिखाया है.”
वहीं केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है, “…अविश्वास प्रस्ताव आने दीजिए, सरकार हर स्थिति के लिए तैयार है। हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं…सत्र शुरू होने से पहले, वे चर्चा चाहते थे। जब हम सहमत हुए, तो उन्होंने नियमों का मुद्दा उठाया। जब हम नियमों पर सहमत हुए, तो उन्होंने नया मुद्दा लाया कि पीएम आएं और चर्चा शुरू करें। मुझे लगता है कि ये सब बहाने हैं…”