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Johnson Baby Powder: बेबी पाउडर बनाने वाली अमेरिकी कंपनी को भरना होगा 154 करोड़ का जुर्माना

नई दिल्ली: हेल्थ केयर प्रॉडक्टस की सबसे बड़ी निर्माता J&J ने अच्छी सेल्स न होने का हवाला देकर अपने टैल्कम पाउडर को अमेरिका और कनाडा के बाज़ार में से 2020 में हटा लिया था. पाउडर से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम को छुपाया कैलिफोर्निया के एक व्यक्ति को जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी द्वारा 18.8 मिलियन डॉलर […]

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Johnson Baby Powder: बेबी पाउडर बनाने वाली अमेरिकी कंपनी को भरना होगा 154 करोड़ का जुर्माना
  • July 19, 2023 1:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: हेल्थ केयर प्रॉडक्टस की सबसे बड़ी निर्माता J&J ने अच्छी सेल्स न होने का हवाला देकर अपने टैल्कम पाउडर को अमेरिका और कनाडा के बाज़ार में से 2020 में हटा लिया था.

पाउडर से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम को छुपाया

कैलिफोर्निया के एक व्यक्ति को जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी द्वारा 18.8 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश मिला है, इस व्यक्ति ने आरोप लगाते हुए यह कहा है कि अमेरिकी कंपनी ने टैल्कम पाउडर से होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम को सबसे छुपा कर रखा है. कैलिफ़ोर्निया के व्यक्ति ने अपनी कैंसर की बिमारी का कारण जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के बेबी पाउडर को बताया है. आरोपी का नाम हर्नानडेज़ बताया जा रहा है और इसकी उम्र 24 वर्ष है.

18 जुलाई 2023 को अमेरिका (ऑकलैंड) में डिफॉल्ट स्टेट कोर्ट के जूरी सदस्यों द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जे एंड जे बेबी पाउडर के इस्तेमाल करने से एंथोनी हर्नांडेज़ वैलाडेज़ को मेसोथेलियोमा कैंसर नाम की बीमारी हुई है। 24 वर्षीय एंथोनी ने अपने बयान में कहा कि बचपन से जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर का इस्तेमाल करने से उसकी छाती के पास मेसोथेलियोमा कैंसर नामक बिमारी हो गयी है.

 

बेबी पाउडर हटाने की युक्ति

जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने अच्छी सेल्स न होने का हवाला देकर अपने टैल्कम पाउडर को अमेरिका और कनाडा के बाज़ार से 2020 में हटा लिया था. हेल्थ केयर प्रॉडक्टस के अंतराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़े निर्माता ने टैल्कम को कॉर्नस्टार्च-बेस्ड संस्करण से बदल दिया था. कंपनी ने इस वर्ष टैल्कम पाउडर युक्त अपने सभी बेबी पाउडर को हटाने की योजना बना ली गई है. कंपनी के अधिकारीयों ने बताया की पाउडर को ख़ास सफ़ेद बोतलों में बेचा जाता है, जिसमें एस्बेस्टस नहीं पाया जाता. यह सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि “ये बिल्कुल सुरक्षित है, यह कैंसर का कारण नहीं बनता”. सरकारी अधिकारियों ने बताया कि मुकदमों, कानूनी फीस और अन्य खर्चों से बचने के लिए कंपनी एक समझौते की मांग कलर रही है.

 

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