लखनऊ: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा उलटफेर दिखाई दे रहा है. जिस बात की संभावना जताई जा रही थी वही हुआ सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर उर्फ़ ओपी राजभर ने NDA का दामन थाम लिया है. ओपी राजभर के NDA में शामिल होने का ऐलान अमित शाह ने अपने आधिकारिक ट्विटर […]
लखनऊ: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की सियासत में बड़ा उलटफेर दिखाई दे रहा है. जिस बात की संभावना जताई जा रही थी वही हुआ सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर उर्फ़ ओपी राजभर ने NDA का दामन थाम लिया है. ओपी राजभर के NDA में शामिल होने का ऐलान अमित शाह ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किया है.
श्री @oprajbhar जी से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूँ।
राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा… pic.twitter.com/uLnbgJedbF
— Amit Shah (@AmitShah) July 16, 2023
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, ओपी राजभर जी से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया. मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूँ। गृह मंत्री अमित शाह आगे लिखते हैं, राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों व वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा।
साल 2017 से वह जहूराबाद से विधायक रह चुके हैं. 19 मार्च 2017 में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और विकलांग जन विकास विभाग के मंत्री बने लेकिन 20 मई 2019 को गठबंधन विरोधी गतिविधियों के कारण राजभर को बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद साल 2022 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. सुभासपा 17 सीटों पर उतरी थी जिसमें से वह केवल 6 ही सीट जीत पाए. लेकिन 2022 में योगी सरकार की वापसी हुई जिसके बाद से ओपी राजभर को अखिलेश यादव पर हमला करते देखा जा सकता है. ओम प्रकाश राजभर ने हाल ही में सपा अध्यक्ष को लेकर कहा था कि अखिलेश यादव अपने नवरत्नों से घिरे रहते हैं जहां उनका एसी से बाहर ना निकलना आजमगढ़ उपचुनाव में हार का सबसे बड़ा कारण था.
दरअसल समाजवादी पार्टी को पहले ही विधायक डारा सिंह अपने इस्तीफे से बड़ा झटका दे चुके हैं. अब ओपी राजभर का एनडीए में शामिल होना अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ा सकता है. जानकारी के अनुसार ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर सुभासपा के टिकट पर गाजीपुर सीट से उपचुनाव लड़ेंगे वहीं भाजपा उन्हें समर्थन देगी. ओपी राजभर के उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनने की भी चर्चा तेज है.