SP को लग सकता है बड़ा झटका… ओपी राजभर और BJP के गठबंधन की चर्चा तेज

लखनऊ: लोकसभा चुनाव आने में कुछ ही समय शेष बचा है और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक के बाद एक कई बड़े झटके लगते नज़र आ रहे हैं. पहले विधायक डारा सिंह ने सामजवादी पार्टी को अपना इस्तीफा सौप दिया. अब सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर का भाजपा में जाना तय माना जा रहा […]

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SP को लग सकता है बड़ा झटका… ओपी राजभर और BJP के गठबंधन की चर्चा तेज

Riya Kumari

  • July 16, 2023 6:39 am Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

लखनऊ: लोकसभा चुनाव आने में कुछ ही समय शेष बचा है और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक के बाद एक कई बड़े झटके लगते नज़र आ रहे हैं. पहले विधायक डारा सिंह ने सामजवादी पार्टी को अपना इस्तीफा सौप दिया. अब सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर का भाजपा में जाना तय माना जा रहा है. चर्चा है कि राजभर ने दिल्ली में भाजपा के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है जहां कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई.

 

बेटे को मिलेगा भाजपा का सपोर्ट

जानकारी के अनुसार ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर सुभासपा के टिकट पर गाजीपुर सीट से उपचुनाव लड़ेंगे वहीं भाजपा उन्हें समर्थन दे सकती है. ओपी राजभर के उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनने की भी चर्चा तेज है. बताया तो ये भी जा रहा है कि रविवार को ओपी राजभर भाजपा के साथ जाने का आधिकारिक ऐलान भी कर सकते हैं. गौरतलब है कि ओपी राजभर यानी ओमप्रकाश राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष हैं जो यूपी के जहूराबाद निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं विधानसभा के सदस्य हैं.

योगी सरकार में होगी वापसी?

साल 2017 से वह जहूराबाद से विधायक रह चुके हैं. 19 मार्च 2017 में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और विकलांग जन विकास विभाग के मंत्री बने लेकिन 20 मई 2019 को गठबंधन विरोधी गतिविधियों के कारण राजभर को बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद साल 2022 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. सुभासपा 17 सीटों पर उतरी थी जिसमें से वह केवल 6 ही सीट जीत पाए. लेकिन 2022 में योगी सरकार की वापसी हुई जिसके बाद से ओपी राजभर को अखिलेश यादव पर हमला करते देखा जा सकता है. ओम प्रकाश राजभर ने हाल ही में सपा अध्यक्ष को लेकर कहा था कि अखिलेश यादव अपने नवरत्नों से घिरे रहते हैं जहां उनका एसी से बाहर ना निकलना आजमगढ़ उपचुनाव में हार का सबसे बड़ा कारण था.

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