लखनऊ: भारत के लिए आज का दिन काफी खास और ऐतिहासिक होने वाला है। चंद्रयान-3 आज शुक्रवार को चांद के दक्षिणी ध्रुव की उस सतह पर जाएगा, जिसके बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय की नज़रे इस पर टिकी हुई है। यह मिशन इसलिए भी और खास है […]
लखनऊ: भारत के लिए आज का दिन काफी खास और ऐतिहासिक होने वाला है। चंद्रयान-3 आज शुक्रवार को चांद के दक्षिणी ध्रुव की उस सतह पर जाएगा, जिसके बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं है। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय की नज़रे इस पर टिकी हुई है। यह मिशन इसलिए भी और खास है क्योंकि भारत की ‘रॉकेट वूमन’ के नाम से मशहूर लखनऊ की बेटी डॉ. रितु कारिधाल की ज़िम्मेदारी पर चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष के लिए रवाना होगा।
ISRO ने जानकारी दी है कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी इस बार वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ. रितु कारिधाल के कंधो पर है और वह इस मिशन की डायरेक्टर हैं। बता दें कि इस अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. वीरा मुथुवेल हैं। वहीं इसके पहले डॉ. रितु मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और साथ ही चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। इस बार साल 2023 चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं बल्कि एक प्रोपल्शन मॉड्यूल है, जो किसी संचार उपग्रह की तरह काम करेगा।
वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक डॉ. रितु कारिधाल का जन्म साल 1975 में लखनऊ के मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। वह बचपन से ही चांद-सितारों और आसमान में काफी दिलचस्पी रखती थी। इतना ही नहीं ISRO और नासा से जुड़े समाचार पत्रों के लेख, जानकारी और तस्वीरें इकट्ठा करना उनका शौक था। इसके अलावा उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में एससी और एमएससी की पढ़ाई की। फिर बाद में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री लेने के लिए उन्होंने आईआईएससी, बंगलूरू में दाखिला लिया। डॉ. करिधाल ने नवंबर साल 1997 से इंजीनियर के तौर पर ISRO में काम करना शुरू किया।