नई दिल्ली: उत्तर भारत में भारी बरसात का दौर 2 दिन के लिए भले ही थमा हो, पर इसने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में सड़कें ध्वस्त हो जाने की वजह से अब भी दस हजार सैलानी अलग-अलग क्षेत्रों पर फंसे हुए हैं। […]
नई दिल्ली: उत्तर भारत में भारी बरसात का दौर 2 दिन के लिए भले ही थमा हो, पर इसने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश में सड़कें ध्वस्त हो जाने की वजह से अब भी दस हजार सैलानी अलग-अलग क्षेत्रों पर फंसे हुए हैं। यमुना और घग्गर नदियों में उफान से हरियाणा के कई जिलों में बाढ़ की वजह से हजारों लोग गांवों में फंस गए हैं। इसके अलावा पंजाब में सतलुज में बाढ़ से हुसैनीवाला से गट्टी राजोके की ओर जाने वाली सड़क धंस चुकी है। जिससे सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। इस दौरान मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के साथ कई हिस्सों में आने वाले 5 दिन फिर भारी बरसात की चेतावनी जारी की है।
हरियाणा के जीटी बेल्ट के जिलों में बाढ़ की वजह से हालात काफी खराब हैं। इतना ही नहीं यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज में पानी फिर बढ़ रहा है, जिसके कारण यमुना नदी के साथ लगते गांवों में भी खतरा मंडरा रहा है। बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे की सड़क टोल के नजदीक तकरीबन 40 फुट धंस गई है। वहीं अंबाला में NDRF की एक नाव डूब गई है। हालात को देखते हुए टीम के सदस्य खुद पानी में फंसने के बाद भी लोगों को बचा रहे हैं। इस दौरान केंद्र सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए पंजाब के लिए 218.40 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
दरअसल हिमाचल में बाढ़ के चलते कुल्लू-मनाली और लाहौल-स्पीति में फंसे करीब 60 हजार पर्यटकों को रेस्क्यू किया गया है। लेकिन तकरीबन 10 हजार सैलानी अब भी मनाली, सैंज, मणिकर्ण, तीर्थन घाटी में फंसे हुए हैं। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि ये सभी सुरक्षित हैं। जानकारी के मुताबिक कुल्लू जिले में अब तक 20 शव बरामद हुए हैं, जिसमें दस की पहचान नहीं हो पाई है।