नई दिल्ली: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर कल मंगलवार को हुए सड़क हादसे में मरने वालों के शवों का पोस्टमार्टम करते समय फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. अनिल कुमार यादव के हाथ कांपने लगे। उनका कहना है कि साल 2016 में सेवा में आने के बाद से लेकर अब तक 10 हजार से ज्यादा शवों के पोस्टमार्टम किए लेकिन […]
नई दिल्ली: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर कल मंगलवार को हुए सड़क हादसे में मरने वालों के शवों का पोस्टमार्टम करते समय फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. अनिल कुमार यादव के हाथ कांपने लगे। उनका कहना है कि साल 2016 में सेवा में आने के बाद से लेकर अब तक 10 हजार से ज्यादा शवों के पोस्टमार्टम किए लेकिन पहली बार क्षत-विक्षत शवों का पोस्टमार्टम करते वक्त उनके हाथ कांपने लगे। साथ ही इन शवों की पहचान के लिए स्वजनों को बुलाना पड़ा।
किसी के कपड़े और किसी के हाथ-पैरों के जरिए शवों की पहचान कराई गई। उन्होंने बताया कि किसी भी शख्स का सिर सुरक्षित नहीं था, अधिकांश की मृत्यु हेड इंजरी के चलते ब्रेन शाक से हुई हैं।
8 साल की वंशिका के शव का पोस्टमार्टम करते हुए तो उनकी आंखे भर आईं। हिम्मत बांधते हुए पोस्टमार्टम शुरू किया लेकिन फिर भी छह शवों का पोस्टमार्टम करने में सात घंटे लग गए।
बताया जा रहा है कि 6 शवों का पोस्टमार्टम करने में 7 घंटे लग गए। आमतौर पर एक शव के पोस्टमार्टम करने में 20 मिनट लगते है। वहीं डॉक्टर अनिल ने तकरीबन सवा 12 बजे से पोस्टमार्टम शुरू किए और 7 बजे तक प्रक्रिया पूरी हुई। इस भयानक सड़क हादसे की सीसीटीवी फुटेज और आंखों के सामने शवों को देखकर सबका दिल दहल गया है।
Deepika Kakkar Baby : दीपिका कक्कड़ बेटे को लेकर हॉस्पिटल से घर लौटी, नहीं दिखा चेहरा
Madhya Pradesh : नहीं थम रहा आदिवासियों पर अत्याचार, दो भाइयों को बेरहमी से पीटा