शिमला। हिमाचल प्रदेश में 48 घंटे से बारिश जारी है। बारिश के कारण राज्य के सभी नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। वहीं कुल्लू, मंडी और कांगड़ा में ब्यास नदी ने जमकर कहर बरपाया है। बता दें, बीते 24 घंटे में बारिश से 9 लोगों की मौत हो चुकी हैं। अकेले शिमला में […]
शिमला। हिमाचल प्रदेश में 48 घंटे से बारिश जारी है। बारिश के कारण राज्य के सभी नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। वहीं कुल्लू, मंडी और कांगड़ा में ब्यास नदी ने जमकर कहर बरपाया है। बता दें, बीते 24 घंटे में बारिश से 9 लोगों की मौत हो चुकी हैं। अकेले शिमला में ही 6 मौत हुई हैं। इस बीच शिमला मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में अगले 24 घंटे के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से घरों से ना निकलने की अपील की है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने वीडियो जारी कर कहा कि मैं हिमाचल के लोगों से फिर अनुरोध करता हूं कि अगले 24 घंटों तक अपने घरों में रहें क्योंकि अगले 24 घंटे भारी बारिश होने की संभावना है। हमने आपदा से निपटने के लिए 3 हेल्पलाइन नंबर ( 1100, 1070 और 1077) जारी किए हैं। अगर किसी भी आपात स्थिति में आप इन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं और मैं भी 24 घंटे आपकी सेवा के लिए उपलब्ध रहूंगा।
#WATCH मैं हिमाचल के लोगों से फिर अनुरोध करता हूं कि अगले 24 घंटों तक अपने घरों में रहें क्योंकि अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना है…हमने आपदा से निपटने के लिए 3 हेल्पलाइन नंबर (1100, 1070 और 1077) जारी किए हैं…किसी भी आपात स्थिति में आप इन नंबरों पर कॉल कर सकते हैं और… pic.twitter.com/51qPmGy6jq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 10, 2023
शिमला में लैंडस्लाइड की चपेट में आने से 6 लोगों की मौत हुई है। शिमला के कुमारसैन की पंचायत पनेवली गांव में पहाड़ी से हुए भारी भूस्खलन के मलबे में एक मकान दब गया। घटना के वक्त घर के एक कमरे में सोए माता-पिता और उनके 11 साल के बेटे के अलावा एक बुजुर्ग दंपत्ति की मौत हो गई। इसके अलावा ठियोग में धमांदरी के बागड़ा गांव में भी मां-बेटे की मौत हुई है।
इस बीच बारिश के कारण हुई तबाही को लेकर हिमाचल सरकार में मंत्री जगत सिंह नेगी का बयान आया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह हिमाचल में बारिश हुई है उससे बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। बरसात ने सड़क और पानी सिंचाई की योजनाओं को काफी ज्यादा प्रभावित किया है। इसके साथ ही किसानों के खेतों के साथ-साथ लोगों के घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। NDRF, SDRF, स्थानीय पुलिस और प्रशासन लोगों को बचाने के लिए बेहतरीन काम कर रहा है। तीन दिनों में 9 लोगों की जान गई है। वहीं लगभग 250 घर क्षतिग्रस्त हो गए है।