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Bihar: हरिवंश संग मीटिंग, तेजस्वी के खिलाफ चार्जशीट… NDA में फिर शामिल होंगे नीतीश?

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को एक साल से भी कम समय बाकी है ऐसे में पूरे देश का सियासी पारा चढ़ना स्वभाविक है. कई राज्यों में सियासी फेरबदल भी दिखाई दे रही है जिसका सीधा असर लोकसभा चुनाव के नतीजों पर पड़ेगा. महाराष्ट्र में NCP बनाम NCP की लड़ाई इसका ताजा सबूत है जहां अजित […]

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  • July 5, 2023 9:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को एक साल से भी कम समय बाकी है ऐसे में पूरे देश का सियासी पारा चढ़ना स्वभाविक है. कई राज्यों में सियासी फेरबदल भी दिखाई दे रही है जिसका सीधा असर लोकसभा चुनाव के नतीजों पर पड़ेगा. महाराष्ट्र में NCP बनाम NCP की लड़ाई इसका ताजा सबूत है जहां अजित पवार ने अपने ही चाचा से बगावत कर ली है.

पलटीमार सियासत पर सुगबुगाहट तेज

इस बीच बिहार की सियासत पर भी पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं जहां एक बार फिर 2017 वाले हालात बनते नज़र आ रहे हैं. बिहार की सियासत में पलटू राम कहलाने वाली नीतीश कुमार के एक बार फिर NDA धड़े में शामिल होने की संभावना है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर होने के साथ नीतीश कुमार के इस्तीफे को लेकर सुगबुगाहट होने लगी है. दूसरी ओर चिराग पासवान से लेकर रालोजद के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा तक बिहार में खेला होने को लेकर दावे कर रहे हैं. ये सभी स्थितियां इस ओर इशारा कर रही हैं कि जल्द ही सीएम नीतीश कुमार कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं. आइए जानते हैं इस बात की कितनी संभावना हो सकती है कि नीतीश कुमार जल्द ही NDA में शामिल हो जाएं.

डेढ़ घंटा चली सीक्रेट मीटिंग

दबे स्वर में बिहार को लेकर पलटीमार सियासत की चर्चा होने लगी है. आशंका तो ये भी है कि अगले 72 घंटों में ही बिहार की सियासी हवा बदल जाएगी. दरअसल सोमवार देर रात नीतीश कुमार ने राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह से मुलाकात की. इस गुप्त मुलाकात की किसी को भनक तक नहीं लगी और जब लगी तब तक नीतीश कुमार राजधानी पटना से बाहर जा चुके थे. डेढ़ घंटे तक चली इस सीक्रेट मीटिंग को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. गौरतलब है कि सोमवार को ही तेजस्वी यादव के खिलाफ नौकरी घोटाला मामले में नई चार्जशीट दायर हुई थी जिसमें उनका नाम आरोपी के तौर पर लिया गया है.

खुद को दोहराएगा इतिहास ?

चार्जशीट से नीतीश की इस मीटिंग को इसलिए भी जोड़ा जा रहा है क्योंकि साल 2017 में सीएम नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के खिलाफ मामला सामने आने पर इस्तीफा दे दिया था और NDA के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि साल 2017 में तेजस्वी के खिलाफ आरोप पत्र दायर होने के बाद इस्तीफा देने वाले नीतीश कुमार अब क्या करेंगे? एक सवाल ये भी है कि क्या नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को बर्खास्त कर देंगे?

इन सभी सवालों के पीछे का कारण साल 2017 में हुआ बिहार का सियासी घटनाक्रम है जहां रेलवे टेंडर घोटाला मामले में लालू परिवार के यहां जांच एजेंसियों की छापेमारी चलने पर सीएम नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था. नीतीश के इस्तीफे के बाद राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी थी जिस तरह की परिस्थितियां एक बार फिर बनती दिखाई दे रही हैं.

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