नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र की शुरुआत होने से पहले पूरे देश की सियासत तेज हो गई है जहां विपक्ष में भी कई दलों के बीच इस कानून को लेकर अलग-अलग राय है. विपक्षी एकजुटता के बावजूद आम आदमी पार्टी ने UCC पर सहमति जता दी है. अब उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय […]
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र की शुरुआत होने से पहले पूरे देश की सियासत तेज हो गई है जहां विपक्ष में भी कई दलों के बीच इस कानून को लेकर अलग-अलग राय है. विपक्षी एकजुटता के बावजूद आम आदमी पार्टी ने UCC पर सहमति जता दी है. अब उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने भी समान नागरिक संहिता को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि देश में UCC को लेकर कोई भी विरोध नहीं हो रहा है.
"Let the draft come…nobody is opposing law," Sanjay Raut on UCC
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— ANI Digital (@ani_digital) July 4, 2023
समान नागरिक संहिता कानून को लेकर शिवसेना के सदस्य संजय राउत ने कहा कि इसपर अब तक कोई सहमति नहीं है लेकिन अंतिम निर्णय लेने से पहले उन्हें पूरी योजना देखने की जरूरत है. कोई भी कानून का विरोध नहीं कर रहा है. राउत ने आगे कहा कि एक बैठक में कानून के मसौदे पर चर्चा हुई है लेकिन मसौदा अभी तक सार्वजनिक डोमेन में नहीं डाला गया है। इसके बाद शिवसेना सांसद ने कहा कि मसौदा प्राप्त होने के बाद वह अपनी राय साझा करेंगे.
राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि UCC योजना अभी तक जनता के साथ साझा नहीं की गई है. अभी भी इसपर काम किया जा रहा है जिसके पूरा होने पर अपनी राय देंगे. इस प्रस्ताव पर विधि आयोग ने जनता और धार्मिक संगठनों से राय मांगी है जो कुछ ऐसा ही है जैसे सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी चाहती थी.
गौरतलब है कि सामान नागरिक संहिता का अर्थ सभी धर्मों के लिए एक ही कानून व्यवस्था से है. फिलहाल देश में कई धर्मों के पास उनका पर्सनल लॉ सिस्टम है जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियों के लिए कानून दिए गए हैं. यदि UCC लागू हो जाता है तो सभी धर्मों में रहने वाले लोगों के लिए शादी-तलाक जैसे मामलों को लेकर एक ही कानून होगा। ऐसे में सभी धर्मों के लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे. इसके तहत गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति का अधिकार से जुड़े कानूनों को भी शामिल किया गया है.