मुंबई : रविवार के दिन महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में काफी उथल-पुथल वाला रहा. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने 18 विधायकों के साथ शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया है. अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली और इसके साथ 8 मंत्रियों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. […]
मुंबई : रविवार के दिन महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में काफी उथल-पुथल वाला रहा. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने 18 विधायकों के साथ शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया है. अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली और इसके साथ 8 मंत्रियों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद से ही कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) ने विधायकों की बैठक बुलाई है. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने 4 जुलाई को विधायकों की बैठक बुलाई है. वहीं शरद पवार ने भी एनसीपी के नेताओं को अपने आवास पर 3 जुलाई को बुलाया है. इसी क्रम में शिवसेना (यूबीटी) ने भी 3 जुलाई को विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है.
महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच शिवसेना यूबीटी एक्टिव हो गई है. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 3 जुलाई को शिवसेना भवन में प्रमुख बैठक बुलाई है. इसमें शिवसेना यूबीटी के सभी विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को शामिल होने का निर्देश दिया गया है.
बता दें कि शिंदे गुट में शामिल होने के बाद अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. वहीं उनके साथ 8 नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली. हालांकि अभी भी शरद पवार की मुश्किल कम नहीं हुई है. दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कुल 40 विधायक उनके संपर्क में हैं, जो कि शिंदे गुट वाली शिवसेना में शामिल हो सकते हैं.
महाराष्ट्र के नवनिर्मित उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने शिंदे गुट का हाथ थाम लिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि, ‘राज्य में विकास का महत्व देना बहुत ही जरूरी है. पिछले 9 सालों से देश के पीएम मोदी जिस तरीके से विकास का काम कर रहे हैं. मुझे लगा कि मुझे भी इस यात्रा में भागीदार बनना चाहिए. एनडीए में मैं इसलिए शामिल होना चाहता था.’
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