नई दिल्ली: हिंदू धर्म का पावन महीना सावन शुरू होने जा रहा है जिसका काफी धार्मिक महत्त्व है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है और ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ को सावन का महीना सबसे प्रिय है. शिव पुराण के मुताबिक सावन माह में शंकर भगवान को याद करते हुए […]
नई दिल्ली: हिंदू धर्म का पावन महीना सावन शुरू होने जा रहा है जिसका काफी धार्मिक महत्त्व है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है और ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ को सावन का महीना सबसे प्रिय है. शिव पुराण के मुताबिक सावन माह में शंकर भगवान को याद करते हुए सोमवार का व्रत करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसलिए हिंदू धर्म में खासकर शिव भक्तों को सावन के महीने का हमेशा इंतजार रहता है. इस बार ये इंतज़ार ज़्यादा फल देगा क्योंकि इस साल सावन दो महीने रहने वाला है.
इस साल यानी 2023 में सावन की शुरुआत 04 जुलाई 2023, मंगलवार से होगी जो 31 अगस्त 2023, गुरुवार को समाप्त होगा. इस साल सावन का महीना 58 दिनों लगभग 2 महीनों का रहने वाला है जो शिव भक्तों के लिए बेहद खास है. ऐसा संयोग पूरे 19 वर्षों बाद बना है जहां अधिकमास के कारण 2 महीने का सावन पड़ेगा. अधिकमास की शुरुआत 18 जुलाई से होगी जो 16 अगस्त को ख़त्म होगा.
हिंदू कैलेंडर की मानें तो इस साल 12 की जगह 13 महीने होने जा रहे हैं. अधिकमास की वजह से ऐसा होगा जिसे मलमास और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. हिन्दू पांचांग के अनुसार ऐसा हर तीसरे साल में होता है जब एक अतिरिक्त महीने प्रकट होता है. वैदिक कैलेंडर की मानें तो हर महीने सूर्य का राशि परिवर्तन होता है जिससे सूर्य संक्रांति के नाम से जाना जाता है. लेकिन हर तीन साल के दौरान एक महीने के लिए सूर्य संक्रांति नहीं होती है इसे ही अधिकमास माना गया है.
साल 2023 के सावन में अधिकमास के कारण कुल 8 सावन के सोमवार होंगे. जिनकी तिथि नीचे दी गई है
10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त, 14 अगस्त, 21 अगस्त, और 28 अगस्त.
सावन का व्रत और शिव की पूजा की विधि के लिए आपको सूर्योदय से पहले जागना होगा जिसके बाद आप स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को साफ़ कर वहाँ वेदी स्थापित करें. शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और महादेव के व्रत का संकल्प लें. व्रत के दौरान सुबह-शाम शिव की प्राथना करें और पूजा के लिए तिल के तेल का दीया जलाए। इस बीच आप भगवान् शिव को पुष्प अर्पण करें. मंत्रोच्चार करने के बाद शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल और बेल की पत्तियां चढ़ाएं. बता दें, सावन व्रत के सोमवार के दौरान सावन व्रत की कथा का पाठ करना भी बेहद जरूरी माना गया है.
हिंदू शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने को बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र माना गया है. जहां इस माह में भगवान शिव की पूजा और उनका अभिषेक पुण्य प्रदान करता है. भगवान शिव के भक्तों की सभी मनोकामनाएं इस मास में पूरी होती हैं और उनके जीवन में विवाह संबंधी कोई परेशानी नहीं आती है. हरे, लाल, सफेद, केसरिया, पीला या आसमानी रंग का वस्त्र पहनकर सोमवार की पूजा करनी चाहिए.