Advertisement

आदिपुरुष पर HC ने मेकर्स को लगाई फटकार, सेंसर बोर्ड के प्रति भी जाहिर किया गुस्सा

मुंबई: डायरेक्टर ओम राउत द्वारा निर्देशित फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर पूरे देश में चल रहे विवाद के बीच अब हाई कोर्ट ने मेकर्स को फटकार लगाई है. इतना ही नहीं कोर्ट ने सेंसर बोर्ड के लिए भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है. फिल्म आदिपुरुष को लेकर दर्ज याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में […]

Advertisement
आदिपुरुष पर HC ने मेकर्स को लगाई फटकार, सेंसर बोर्ड के प्रति भी जाहिर किया गुस्सा
  • June 27, 2023 1:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

मुंबई: डायरेक्टर ओम राउत द्वारा निर्देशित फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर पूरे देश में चल रहे विवाद के बीच अब हाई कोर्ट ने मेकर्स को फटकार लगाई है. इतना ही नहीं कोर्ट ने सेंसर बोर्ड के लिए भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है. फिल्म आदिपुरुष को लेकर दर्ज याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की डिवीजन बेंच ने सवाल कर कहा कि आप अगली पीढ़ी को क्या सिखाना चाहते हैं?

HC ने सेंसर बोर्ड से भी किए सवाल

अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने अदालत में हुई बहस के दौरान अपना पक्ष रखते हुए फिल्म में दिखाए गए आपत्तिजनक तथ्यों और गलत डायलॉग्स से हाई कोर्ट को अवगत कराया. वहीं 22 जून को प्रस्तुत अमेंडमेंट एप्लीकेशन को हाई कोर्ट द्वारा स्वीकृत करते हुए सेंसर बोर्ड की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी सिंह से अदालत ने सवाल किया कि क्या करता रहता है सेंसर बोर्ड? हाई कोर्ट ने आगे सवाल किया कि सिनेमा समाज का दर्पण होता है, आगे आने वाले पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हो? क्या सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझता है?

धार्मिक ग्रंथों को बख्श दीजिए -HC

इस दौरान अदालत ने यह भी कहा कि केवल रामायण ही नहीं बल्कि पवित्र कुरान, गुरु ग्रन्थ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो कम से कम बख्श दीजिए, बाकी जो भी करते हैं तो वो कर ही रहे हैं. अदालत ने फिल्म आदिपुरुष के निर्माता, निर्देशक के साथ अन्य प्रतिवादी पार्टियों की हाई कोर्ट में अनुपस्थिति पर भी कड़ा रुख दिखाया है. इसके अलावा अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने सेंसर बोर्ड द्वारा अभी तक जवाब न दाखिल किए जाने पर आपत्ति जताई और साथ ही अदालत को फिल्म के आपत्तिजनक तथ्यों से अवगत कराया.

फिल्म के इन सीन्स पर आपत्ति

फिल्म में रावण द्वारा चमगादड़ को मांस खिलाए जाने वाला सीन, काले रंग की लंका, सीता माता को बिना ब्लाउज के दिखाए जाने वाला सीन, चमगादड़ को रावण का वाहन बताए जाने वाला सीन, सुषेन वैद्य की जगह विभीषण की पत्नी को लक्ष्मण को संजीवनी देते हुए दिखाना वाला सीन, आपत्तिजनक डायलॉन्ग और अन्य सभी फैक्ट्स को अदालत में रखा गया जिस पर कोर्ट ने सहमति जताई है. बताया जा रहा है कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 27 जून को होगी.

Advertisement