नई दिल्ली: आज पटना में विपक्षी दल एकजुट हुए हैं जहां 15 विपक्षी दल मिलकर मिशन 2024 का आगाज़ करने जा रहे हैं. इस महाबैठक का नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे हैं जहां भारतीय जनता पार्टी को केंद्र से हटाने पर रणनीति बनाई जा रही है. इस बीच एक सवाल ये भी है कि क्या […]
नई दिल्ली: आज पटना में विपक्षी दल एकजुट हुए हैं जहां 15 विपक्षी दल मिलकर मिशन 2024 का आगाज़ करने जा रहे हैं. इस महाबैठक का नेतृत्व नीतीश कुमार कर रहे हैं जहां भारतीय जनता पार्टी को केंद्र से हटाने पर रणनीति बनाई जा रही है. इस बीच एक सवाल ये भी है कि क्या वाकई विपक्षी दलों की एकता ऐसा कर पाने में सही साबित होगी? आइए जानते हैं क्या है सीटों का गणित.
विपक्षी दलों की असल परीक्षा लोकसभा में है जहां 100 सीटों का परिणाम खेल बना भी सकता है और खेल बिगाड़ भी सकता है. आम आदमी पार्टी को छोड़ दें तो सभी विपक्षी दल एक राज्य तक ही सीमित हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि विपक्षी दल क्या रास्ता निकालेंगे जिससे मोदी विरोधी मोर्चा पास हो जाए. बता दें, यदि पूरा विपक्ष विपक्ष 2024 में एकजुट होगा तो भाजपा के लिए राह मुश्किल हो जाएगी. हालांकि भाजपा इस समय विपक्षी बैठक से बेफिक्र दिखाई दे रही है. जिसका कारण लोकसभा की 100 सीटें हैं जो ये उत्तर प्रदेश (80) और उत्तराखंड (5) , हिमाचल (4), दिल्ली (7) की हैं.
इतना ही नहीं राजस्थान (25) और गुजरात (26) जैसे राज्यों में भी विपक्षी दलों की तनातनी होनी तय मानी जा रही है. भाजपा पहले भी विपक्षी एकता के खिलाफ लड़कर अपना दमखम दिखा चुकी है और जीत हासिल कर चुकी है. आइए जानते हैं किस दल के पास कितनी राज्यसभाऔर लोकसभा सीटें हैं.
आम आदमी पार्टी – लोकसभा (1) – राज्यसभा (10)
कांग्रेस- लोकसभा (49) – राज्यसभा (31)
जेडीयू – लोकसभा (16)- राज्यसभा (05)
सीपीएम – लोकसभा (03) – राज्यसभा (05)
डीएमके – लोकसभा (24) – राज्यसभा (10)
शिवसेना (उद्धव गुट) – लोकसभा (06)- राज्यसभा (03)
समाजवादी पार्टी – लोकसभा(03) – राज्यसभा (03)
CPI – लोकसभा(02) – राज्यसभा (02)
TMC – लोकसभा (23) – राज्यसभा (12)
NCP – लोकसभा (05) – राज्यसभा (04)
JMM – लोकसभा (01) – राज्यसभा (02)
नेशनल कॉन्फ्रेंस – लोकसभा (03) – राज्यसभा (-)
इसके अलावा गैर भाजपाई दलों द्वारा शासित ऐसे कई राज्य हैं जहां से विपक्षी दलों को बहुमत मिल पाना कठिन साबित होगा. इनमें पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश का नाम शामिल है.