भोपाल: सोमवार (12 जून) को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में भीषण आग अब शांत हो गई है लेकिन इस पूरी घटना पर अब सियासत गरमाने लगी है. सियासत होना भी स्वभाविक है क्योंकि राज्य में इस वर्ष विधानसभा चुनाव भी होने है. कांग्रेस को बताया राम बता दें, जहां आग लगी […]
भोपाल: सोमवार (12 जून) को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में भीषण आग अब शांत हो गई है लेकिन इस पूरी घटना पर अब सियासत गरमाने लगी है. सियासत होना भी स्वभाविक है क्योंकि राज्य में इस वर्ष विधानसभा चुनाव भी होने है.
बता दें, जहां आग लगी है वहां मध्य प्रदेश सरकार के कई दफ्तर मौजूद हैं. इस घटना को लेकर अब कांग्रेस का कहना है कि आग जानबूझकर लगाई गई है. आग लगने के बाद से पूर्व सीएम कमलनाथ समेत कई बड़े कांग्रेस नेता लगातार शिवराज सरकार को घेर रहे हैं. जानकारी के अनुसार अगले दिन जब आग को बुझा लिया गया तो कई कांग्रेस नेताओं ने सतपुड़ा भवन के अंदर जाने की मांग की लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. इस दौरान 5 विधायकों समेत नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह धरने पर बैठ गए. उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा कि रावण (शिवराज सरकार) ने अपनी लंका में खुद आग लगाई है. उन्होंने इस दौरान कांग्रेस को राम और सरकार को रावण भी बताया.
इतना ही नहीं इस पूरी घटना पर मध्य प्रदेश कर्मचारी संघ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन भी स्यापा है.उनका कहना है कि वह यहां असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि सरकारी भवन में किसी भी तरह की फायर सेफ्टी नहीं है. बता दें, इससे पहले भी कई भवनों में आगजनी की घटना सामने आ चुकी है. वहीं हाई कोर्ट के जजों से इस पूरे मामले की जांच करवाने की भी मांग उठाई जा रही है.
घटना को लेकर कमलनाथ ने कहा कि, ये एक और भ्रष्टाचार का उदाहरण है। ये आग लगी या लगाई गई है ये प्रश्न का विषय है। अब तक बताया जा रहा है कि इस आग के लगने के कारण 12 हजार फाइलें जल गई है। इस घटना की जांच होनी चाहिए। इस घटना की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से होनी चाहिए।
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