नई दिल्ली: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों पर हलचल शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है वहीं कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद है. बीजेपी ने बदली स्ट्रेटजी बीजेपी कर्नाटक विधानसभा का […]
नई दिल्ली: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों पर हलचल शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है वहीं कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद है.
बीजेपी कर्नाटक विधानसभा का चुनाव हारने के बाद लोकसभा चुनाव के लिए नई प्लानिंग कर रही है. 2019 के बाद से एनडीए से बहुत दल अलग हो गए थे लेकिन बीजेपी को कई फर्क नहीं पड़ रहा था. इसी बीच कर्नाटक विधानसभा का चुनाव हारने के बाद फिर से अपने सहयोगि दल को जोड़ने का प्रयास कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन.चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की थी. इसके बाद कयास लगाए जा रहे है कि तेलुगु देशम पार्टी फिर से भाजपा के साथ आ सकती है.
नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी ने 28 मई को किया था. इस उद्घाटन समारोह के विरोध में 19 पार्टियां थी जो नहीं पहुंची थी. इसके अलावा ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अधिकार दे दिया था लेकिन उसके बाद केंद्र सरकार इस आदेश के खिलाफ अध्यादेश लेकर चली आई. उसके बाद अध्यादेश के दिल्ली के सीएम केजरीवाल पूरे देश में विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर के समर्थन मांग रहे है.
भारतीय जनता पार्टी के नेता पुराने सहयोगी दलों को लाने की कोशिश कर रहे है. इसी बीच बीजेपी के नेताओं ने पंजाब में अकाली दल के नेताओं से भी मुलाकात की है. महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी का बहुत पुराना गठबंधन था लेकिन शिवसेना अलग होकर कांग्रेस सरकार बना ली थी. वहीं बिहार में जेडीयू ने भी बीजेपी का साथ छोड़ दिया था.