देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद गुजरात में पाटीदार आंदोलन के युवा नेता हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है. हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर देशद्रोह की धाराएं हटाने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
नई दिल्ली. देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद गुजरात में पाटीदार आंदोलन के युवा नेता हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली है. हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर देशद्रोह की धाराएं हटाने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस आर भानुमती की बेंच का कहना है कि सूरत पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही उनकी याचिका पर विचार किया जाएगा. बता दें कि कोर्ट के इस फैसले के बाद हार्दिक को अब जांच पूरी होने तक जेल में ही रहना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को अपनी जांच डेढ़ महीने में पूरी करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने पुलिस को कोर्ट से बिना पूछे चार्जशीट दाखिल ना करने का आर्डर भी दिया है.कोर्ट ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 5 जनवरी की तारीख तय की है. हार्दिक फिलहाल सूरत जेल में बंद हैं.
क्यों लगा देशद्रोह का आरोप ?
दरअसल 3 अक्टूबर को हार्दिक ने एक लड़के की तरफ से सूसाइड की बात पर उससे कहा था कि दो-चार पुलिसवालों को मार देना, लेकिन खुदकुशी मत करना. इस बयान का विडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद हार्दिक के खिलाफ सूरत में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.