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Balasore Train Accident: जानिए क्या है कवच सिस्टम, जिसके होने से टल जाता ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट

नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में 280 लोगों की मौत और करीब 1000 लोग घायल हो गए हैं. पीएम मोदी और रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बालासोर का दौरा करके घायलों का हालचाल लिए हैं. विपक्षी पार्टियों द्वारा मामले की जांच कराने की मांग की जा रही है. अब इसी […]

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Balasore Train Accident: जानिए क्या है कवच सिस्टम, जिसके होने से टल जाता ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट
  • June 3, 2023 5:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में 280 लोगों की मौत और करीब 1000 लोग घायल हो गए हैं. पीएम मोदी और रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बालासोर का दौरा करके घायलों का हालचाल लिए हैं. विपक्षी पार्टियों द्वारा मामले की जांच कराने की मांग की जा रही है. अब इसी बीच ‘कवच सिस्टम’ का नाम सामने आ रहा है, कहा जा रहा है कि अगर कवच सिस्टम लागू होता तो बालासोर में इतना भीषण हादसा नहीं होता.

रेलवे की सुरक्षा तकनीक पर सवाल

बता दें कि कवच ऐसा सिस्टम है, जिसको हर स्टेशन से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है. इसको ट्रेन के साथ, ट्रैक और रेलवे सिग्नल में भी इंस्टॉल किया जाता है. बालासोर हादसे ने रेलवे की सुरक्षा तकनीक पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

कवच सिस्टम ला रही भारतीय रेलवे

दरअसल कुछ महीने पहले ही रेल मंत्रालय ने दावा किया था कि वह ऐसा सिस्टम लाने जा रही है, जिससे रेल हादसे रुक जाएंगे. इस सिस्टम को कवच सिस्टम कहते हैं. कवच सिस्टम का पूरा नाम कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (Train Collision Avoidance System) है. अब बालासोर हादसे के बाद से कवच सिस्टम को लेकर सोशल मीडिया पर कई सारे पोस्ट किए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि अगर भारतीय रेलवे कवच सिस्टम को लागू करती तो इतना बड़ा एक्सीडेंट नहीं होता.

रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए करता है काम

कवच भारतीय रेलवे का स्वचालित सुरक्षा प्रणाली सिस्टम है. इसके जरिए रेलवे के हादसे रोकने या फिर कम करने का प्लान बना रही है. ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और रेडियो फ्रीक्वेंसी की एक शानदार प्रणाली है, जो कि सिग्नल के साथ-साथ पटरियों और ट्रेनों में भी इंस्टॉल होती है और ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करने का काम करती है.

सिग्नल जंप करने पर एक्टिव हो जाता है कवच

आप इसको ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर किसी कारण से लोकोपायलट रेलवे सिग्नल को जंप कर जाता है, तो ऐसे समय में कवच सिस्टम एक्टिव हो जाता है, जिससे की लोकोपायल अलर्ट हो जाता है. वहीं इस सिस्टम की वजह से एक ही पटरी पर दोनों तरफ से आ रही ट्रेनों को अलर्ट चला जाता है. एक निश्चित दूरी के बाद दोनों ट्रेनें खुद रुक जाती हैं.

कोरोमंडल एक्सप्रेस में नहीं इंस्टॉल है कवच

रेलवे अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा है कि हादसे का शिकार हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस में कवच सिस्टम नहीं लगा था. ऐसे में अगर कवच सिस्टम कोरोमंडल एक्सप्रेस में इंस्टॉल होता तो ये हादसा टल सकता था.

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