ज्ञानवापी मामला: मुस्लिम पक्ष को लगा झटका, श्रृंगार गौरी की पूजा के खिलाफ अर्ज़ी खारिज

इलाहाबाद : ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है जहां बुधवार को इलाहबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर की गई अर्ज़ी खारिज कर दी है. दरअसल मुस्लिम पक्ष ने मेंटेनबिलिटी को लेकर हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा को लेकर […]

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ज्ञानवापी मामला: मुस्लिम पक्ष को लगा झटका, श्रृंगार गौरी की पूजा के खिलाफ अर्ज़ी खारिज

Riya Kumari

  • May 31, 2023 4:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

इलाहाबाद : ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है जहां बुधवार को इलाहबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर की गई अर्ज़ी खारिज कर दी है. दरअसल मुस्लिम पक्ष ने मेंटेनबिलिटी को लेकर हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा को लेकर मुस्लिम पक्ष ने ये याचिका दायर की थी और पूजा बंद करने की मांग की थी. हालांकि कोर्ट ने अब इस याचिका को ख़ारिज कर दिया है.

दरअसल मुस्लिम पक्ष की ओर से वाराणसी कोर्ट में दायर पांच हिंदू महिला उपासकों के मुकदमे की विचारणीयता को चुनौती दी गई थी. पांच हिंदू महिला उपासकों की ओर से वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पूजा करने के अधिकार की मांग की गई थी.

अर्ज़ी पर सुनवाई का रास्ता साफ़

दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को ख़ारिज कर दिया है. इससे अब श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा की मांग करने वाली अर्ज़ी पर सुनवाई का रास्ता भी साफ़ हो गया है. जिला कोर्ट इस अर्ज़ी पर सुनवाई करेगा. हाई कोर्ट के जस्टिस जे जे मुनीर की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया है. बता दें, राखी सिंह समेत 9 अन्य ने नियमित पूजा की मांग को लेकर वाराणसी की अदालत में सिविल वाद दाखिल किया था जिसपर बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 23 दिसंबर 2022 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

मुस्लिम पक्ष ने दिया दी ये दलील

अब इसी मामले में दायर की गई मुस्लिम पक्ष की याचिका को ख़ारिज कर दिया गया है. ये आपत्ति मस्जिद की इंतजामियां कमेटी ने इलाहबाद हाईकोर्ट में दायर की थी. 12 सितंबर को आए फैसले को इसमें चुनौती दी गई थी जिसे आज ख़ारिज कर दिया गया है. मुस्लिम पक्ष ने दलील दी थी कि सिविल वाद 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट और 1995 के सेंट्रल वक्फ एक्ट तहत पोषणीय नहीं है. बहरहाल अभी भी चैत्र और वासंतिक नवरात्र के चौथे दिन महिलाओं को श्रृंगार गौरी की पूजा की अनुमति मिली हुई है.

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