नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नया संसद भवन बनकर तैयार हो गया है. हालांकि अब इसके उद्घाटन को लेकर मामला संगीन हो गया है. नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी करने वाले हैं, लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि नए ससंद भवन का उद्घाटन देश की सर्वोच्च पद पर बैठी भारत की […]
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नया संसद भवन बनकर तैयार हो गया है. हालांकि अब इसके उद्घाटन को लेकर मामला संगीन हो गया है. नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी करने वाले हैं, लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि नए ससंद भवन का उद्घाटन देश की सर्वोच्च पद पर बैठी भारत की महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करें. अब इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. जिसकी सुनवाई कल होगी.
28 मई को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह होना है. इसका उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों से होना है. ऐसे में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत कुल 21 दल बहिष्कार कर रहे हैं. उनका कहना है कि नए संसद का उद्घाटन देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों से होना चाहिए.
केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने कांग्रेस द्वारा नए संसद भवन को बहिष्कार करने पर सवाल उठाया है. शाह ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा है कि, ‘कांग्रेस पार्टी का नजरिया बिल्कुल निगेटिव है, जहां पर पीएम मोदी नए संसद भवन पर काम कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस और उसके साथी दल इस पर ओछी राजनीति करने का काम कर रही है. ये सभी राष्ट्रपति के नाम का बहाना कर रहे हैं ‘
मायावती ने बोला है कि, ‘ केंद्र में कांग्रेस या बीजेपी किसी की भी सरकार रही हो, बसपा ने देश और जनहित में शामिल मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समर्थन जताया है. ठीक इसी तरह 28 तारीख को होने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का भी पार्टी समर्थन करती है. वहीं कई दलों द्वारा राष्ट्रपति द्वारा संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार करना अनुचित है. ये बात सभी दलों को द्रौपदी मुर्मू जी को निर्विरोध नहीं चुनकर उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करते वक्त ही सोचना चाहिए था.’
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