नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर वपक्ष दल के नेता एक बार फिर एकजुट होने लगे है. लगभग 20 विपक्षी दल इस नए संसद भवन के विरुद्ध हैं और इसके उद्द्घाटन समारोह के बहिष्कार में जुट गए हैं. विपक्षी दलों द्वारा बुधवार को एक बयान जारी किया गया जिसमें उन्होंने इस […]
नई दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर वपक्ष दल के नेता एक बार फिर एकजुट होने लगे है. लगभग 20 विपक्षी दल इस नए संसद भवन के विरुद्ध हैं और इसके उद्द्घाटन समारोह के बहिष्कार में जुट गए हैं. विपक्षी दलों द्वारा बुधवार को एक बयान जारी किया गया जिसमें उन्होंने इस उद्द्घाटन समारोह के बहिष्कार की जानकारी दी है. बयान में उन्होंने कहा, ‘जब संसद से लोकतंत्र की आत्मा को ही मार दिया गया हो, ऐसे में नयी ईमारत बनाने का कोई फायदा नहीं हमें इस नई ईमारत की कोई कीमत नहीं नजर आती है.’ वहीं इस पर गृह मंत्री अमित शाह का बयान सामने आया है, अमित शाह ने बयान जारी करते हुए कहा – ‘संसद भवन के उद्द्घाटन समारोह को राजनीति से न जोड़ें. बिना किसी भेद भाव के हमने सबको आमंत्रण भेजा है हमारी इच्छा है कि सभी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने.’
बुधवार को जारी एक संयुक्त बयान में विपक्षी दलों ने कहा कि PM मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने और द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करने का फैसला न केवल घोर अपमान है बल्कि भारत के लोकतंत्र पर सीधा हमला है. हम नई नई इमारत में कोई मूल्य नहीं पाते हैं. हम नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के अपने सामूहिक निर्णय की घोषणा करते हैं। वहीं इस समारोह के बहिष्कार के लिए कुल 20 दल एकजुट होकर एक साथ आए हैं. विपक्षी दलों बयान जारी करते हुए कहा – वे 28 मई को होने वाले इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे. बता दें कि इस समारोह की अध्यक्षता अध्यक्ष ओम बिरला करने वाले हैं.
भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को विपक्षी दलों से इस मुद्दे का “राजनीतिकरण नहीं” करने और उद्घाटन को ‘न्यू इंडिया’ को पुरानी परंपराओं से जोड़ने के लिए एक भावनात्मक रूप में प्रकरण किया है. एक संवाददाता सम्मेलन में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘हमें इस (नए संसद भवन का उद्घाटन) मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, लोगों पर छोड़ दें जनता को सोचने और प्रतिक्रिया करने दें कि आखिर वो क्या चाहते हैं.’
विपक्षी दलों द्वारा जारी संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वाले इन प्रमुख दलों का नाम है -कांग्रेस, आप, शिवसेना (UBT), तृणमूल कांग्रेस (TMC), जेडी (यू), डीएमके, एसपी, सीपीआई (एम), सीपीआई, आरजेडी, जेएमएम, वीसीके, आरएलडी, आरएसपी एमडीएमके मुस्लिम लीग, नेशनल कांफ्रेंस और केरल कांग्रेस
दल. अब तक कुल 20 दलों द्वारा ये घोषणा की गयी है कि वो संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे. वहीं ये संख्या और भी बढ़ सकती है क्यूंकि बहुत सारे दलों ने इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया है.
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