भोपाल : मध्यप्रदेश में विधानसभा का चुनाव साल के अंत में होगा. उससे पहले ही सिंधिया गुट के मंत्री कुछ ऐसे संकेत दे रहे है जिससे लग रहा है कि शिवराज सिंह की सरकार गिर सकती है. मंत्रियों का कहना है कि अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे. […]
भोपाल : मध्यप्रदेश में विधानसभा का चुनाव साल के अंत में होगा. उससे पहले ही सिंधिया गुट के मंत्री कुछ ऐसे संकेत दे रहे है जिससे लग रहा है कि शिवराज सिंह की सरकार गिर सकती है. मंत्रियों का कहना है कि अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे. मध्यप्रदेश बीजेपी में काफी दिनों से खींचतान चल रही है. कुछ दिन पहले बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने इस्तीफा दे दिया है. इसी के बाद बीजेपी में खलीबली मची हुई है. शिवराज सिंह सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव और सिंधिया गुट के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और भूपेन्द्र सिंह के बीच मनमुटाव चल रहा है. इसकी शिकायत सीएम शिवराज सिंह चौहान से की गई है.
2018 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सीएम की कुर्सी पर बैठे थे लेकिन ज्यादा दिन तक रह नहीं सके. महज 18 महीने में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. उस समय कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्या सिंधिया का कहना था कि उनको पार्टी में सम्मान नहीं मिल रहा है इसलिए वह कांग्रेस का साथ छोड़ रहे है. कांग्रेस छोड़ने के बाद सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिसके बाद उनके गुट के 6 विधायकों और मंत्री कांग्रेस से इस्तीफी दे दिया था. उसके बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई थी फिर बीजेपी सत्ता में आ गई थी.
2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे और गुना से चुनाव लड़ा था लेकिन उनको बीजेपी के उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा था. 2020 में अपने समर्थकों और विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए. मौजूदा समय में सिंधिया बीजेपी से राज्यसभा सांसद है और केंद्रीय मंत्री हैं.
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