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Wrestlers Protest: इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकालेंगे पहलवान, खाप पंचायतों से की ये अपील

नई दिल्ली। 23 मई को भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन को एक महीना पूरा होने जा रहा है। इस बीच पहलवानों ने इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकालने का फैसला किया है। इसके अलावा पहलवानों के आंदोलन को लेकर […]

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Wrestlers Protest: इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकालेंगे पहलवान, खाप पंचायतों से की ये अपील
  • May 21, 2023 1:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। 23 मई को भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन को एक महीना पूरा होने जा रहा है। इस बीच पहलवानों ने इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकालने का फैसला किया है। इसके अलावा पहलवानों के आंदोलन को लेकर महम के चौबीसी चबूतरे पर आज हो रही खाप पंचायत में पहलवान साक्षी मलिक पहुंच गई है। इस दौरान साक्षी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, इस विरोध को आज 29 दिन हो गए, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई है।

खाप पंचायत की बैठक में पहुंची साक्षी मलिक

वहीं प्रदर्शन की आगे की रूपरेखा को तैयार करने के लिए आज तीन राज्यों की खाप पंचायतें महम की चौबीसी चबूतरे पहुंची है। इस दौरान महापंचायात में साक्षी मलिक के साथ उनके पति और पहलवान सत्यव्रत कादियान भी पहुंचे। इस दौरान साक्षी ने खाप के सामने आपनी बात रखते हुए कहा कि, उन्हें अपने विरोध प्रदर्शन में खाप की जरूरत हैं। हम लोगों को आंदोलन करते हुए एक महीना होने वाले है, लेकिन अभी तक हम लोगों को न्याय नहीं मिला है।

 साक्षी मलिक ने क्या कहा ?

साक्षी मलिक ने कहा कि, हम लोगों की मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह को फेडरेशन से निकाला जाए। वह खिलाड़ियों के मेडल को 15 रुपए का बता रहा है। उसके ऐसे बयान उसकी मानसिकता पर सवाल खड़े करता है। साक्षी ने सभी खाप पंचायचों से कहा कि आप सभी लोग 23 मई को इंडिया गेट में होने जा रहे कैंडल मार्च में आए और हमारा साथ दें। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को ये लड़ाई शांति से लड़नी है।

https://twitter.com/SakshiMalik/status/1660121338772869121

विनेश फोगाट ने दी चेतावनी

बता दें, इससे पहले विनेश फोगाट ने शनिवार को चेतावनी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो हमारे बुजुर्ग कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। जो देश के हित में नहीं होगा, ये फैसला देश को भी नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली बार किसान आंदोलन 13 महीने तक चला था तो देश को काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। अगर ऐसा ही कोई और आंदोलन होता है तो निश्चित तौर से देश को नुकसान होगा।

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