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Prabhat Gupta Murder Case: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी से जुड़े हत्याकांड मामले में 23 साल बाद आया फैसला

लखनऊ: प्रभात गुप्ता हत्याकांड में 23 साल बाद फैसला आया है जिसमें आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील को ख़ारिज कर दिया है. ट्रायल कोर्ट के उस फैसले पर मुहर लगा दी गई है जिसमें टेनी को बरी किया जाना था. […]

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Prabhat Gupta Murder Case: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी से जुड़े हत्याकांड मामले में 23 साल बाद आया फैसला
  • May 19, 2023 5:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ: प्रभात गुप्ता हत्याकांड में 23 साल बाद फैसला आया है जिसमें आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील को ख़ारिज कर दिया है. ट्रायल कोर्ट के उस फैसले पर मुहर लगा दी गई है जिसमें टेनी को बरी किया जाना था. इस फैसले के बाद टोनी को लखीमपुर की निचली अदालत ने बरी कर दिया था. हालांकि निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट का रुख किया था और हाई कोर्ट में अपील की थी.

मंत्री को किया बरी

राज्य सरकार की अपील को ख़ारिज करते हुए हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है और टोनी को बरी कर दिया है. गौरतलब है कि प्रभात गुप्ता की हत्या साल 2000 में हुई थी.साल 2004 में हत्याकांड में ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव के कारण केंद्रीय मंत्री टोनी को बरी किया था. उनके साथ-साथ सुभाष मामा, शशि भूषण, पिंकी और राकेश डालू को भी राहत मिल गई थी जो हत्याकांड के मुख्य आरोपी थे.

 

23 साल बाद आया फैसला

दरअसल साल 2000 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में सरे बाजार प्रभात गुप्ता की हत्या कर दी गई थी. ये हत्याकांड तब हुआ जब प्रभात गुप्ता घर लौट रहे थे इसी बीच उन्हें गोली मार दी गई थी. समाजवादी युवा नेता की हत्या में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टोनी का नाम सामने आया था जो उस समय भाजपा से जुड़े हुए थे. अजय मिश्रा समेत कई नामजद लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. 2004 में ट्रायल कोर्ट ने अजय मिश्र टेनी को सबूतों के अभाव के कारण बरी करने का फैसला सुनाया था. ट्रायल कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट जाने का फैसला लिया था. इस मामले में राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि पंचायत चुनाव को लेकर टेनी और छात्र नेता के बीच विवाद चल रहा था.

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