मुंबई. ‘जाने भी दो यारों’ फेम फिल्मकार कुंदन शाह ने भी देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चिंता ज़ाहिर की है. कुंदन शाह ने कहा कि जैसा माहौल देश में बना हुआ है ऐसे में ‘जाने भी दो यारों’ जैसी सैटायर फिल्म बनाना अब मुझे संभव लगता है. कुंदन ने घोषणा की है कि वे ‘जाने भी दो यारों’ को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार भी वापस लौटा देंगे.
देश में अंधेरा बढ़ता ही जा रहा है
शाह ने कहा कि वह पुरस्कार लौटाने की योजना बना रहे हैं क्योंकि देश में अंधेरा फैलता जा रहा है. इससे पहले कि यह अंधेरा हमें पूरी तरह अपनी गिरफ्त में ले ले, किसी को तो खड़ा होना होगा. फिल्म एंड टेलीविज इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और देश में बढ़ती असहिष्णुता को लेकर दिबाकर बैनर्जी के साथ ही 11 अन्य फिल्ममेकर अपने राष्ट्रीय पुरस्कारों को लौटा चुके हैं.
कांग्रेस और बीजेपी में कोई फर्क नहीं
शाह ने कहा कि यह कांग्रेस या भाजपा का सवाल नहीं है. दोनों ही एक जैसी हैं. जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो मेरा सीरियल पुलिस स्टेशन बंद करा दिया गया था. उन्होंने बताया कि महाभारत जैसे सीक्वेंस, जिसमें इंदिरा गांधी और कई अन्य चीजों का रिफ्रेंस लिया गया था, वह फिल्म आज के माहौल में कभी नहीं बन पाती. उन्होंने आगे कहा कि जाने भी दो यारों फिल्म बिना किसी समस्या के पास हो गई थी क्योंकि इसे सरकारी एजेंसी एनएफडीसी ने बनाया था. उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती असहिष्णुता और एफटीआईआई के मामले में शाहरुख खान की ओर से दिया गया बयान भी देश के हालत को बताता है.