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Sonu Kinnar: नवनिर्वाचित ‘किन्नर’ चेयरमैन की कहानी, गरीबी-संघर्ष…खौफनाक सच! नहीं टूटा हौसला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भाजपा की लहर के बीच वाराणसी से सटे चंदौली जिले का मिजाज इससे अछूता रहा. चुनाव के नतीजों ने सभी को चौंका दिया जहां सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को पराजित करते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी सोनू किन्नर […]

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Sonu Kinnar: नवनिर्वाचित ‘किन्नर’ चेयरमैन की कहानी,  गरीबी-संघर्ष…खौफनाक सच! नहीं टूटा हौसला
  • May 16, 2023 6:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भाजपा की लहर के बीच वाराणसी से सटे चंदौली जिले का मिजाज इससे अछूता रहा. चुनाव के नतीजों ने सभी को चौंका दिया जहां सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को पराजित करते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी सोनू किन्नर की जीत हुई. आम लोगों से निराश होकर जनता ने एक बार फिर किन्नर समाज से उम्मीद लगाई है. इस बार पीडीडीयू नगर के मतदाताओं ने सोनू किन्नर को नगरपालिका चेयरमैन बनाया है. दुआओं के साथ-साथ चेयरमैन सोनू किन्नर ने अब जनता को वाटर टैक्स आधा और हाउस टैक्स पूरा माफ कराने का वादा किया है.

 

संघर्ष से भरा है सोनू का जीवन

बता दें, अधिकांश किन्नरों की ही तरह सोनू का जीवन भी संघर्ष से भरा है जहां उसका बचपन गरीबी में बीता. सिर से पिता का साया हट जाने के बाद सोनू नाच गाना करके अपने परिवार का पालन किया करता. अब जब जनता ने उसके सिर चेयरमैन का ताज रखा है तो उसके दिन बदलने के आसार जताए जा रहे हैं. सोनू का कहना है कि अब तक उसने नाच गाकर लोगों से जो भी कमाया है अब उसे विकास के रूप में वापस करने का समय आ गया है.

व्यवहार से बनाई अलग पहचान

माता श्यामा देवी और पिता रमनदत्त की बेटी सोनू का परिवार बेहद गरीब था. बचपन में ही सिर से पिता का साया छिन जाने के बाद घर में कोई कमाने वाला नहीं था. चंद पैसों के लिए उसने नाचने-गाने का काम शुरू किया जो समय के साथ उसका शौक बन गया. 10 साल की उम्र में उसे जब पता चला कि वह कोई सामान्य लड़की नहीं है तो ये उसके लिए सदमे जैसा था. इसके बाद उसने गुलाब गुरु की शरण ले ली और मंडली के साथ नाचने गाने का सिलसिला शुरू हो गया. परिजनों ने भी उसका खूब साथ दिया जहां उसके स्वभाव ने नगर के किन्नरों में उसकी अलग पहचान बनाई थी.

जीतने के बाद कहा ये

वह कभी भी ख़ुशी और बधाई के मौके पर ज़िद नहीं करती थी बल्कि हमेशा लोगों को आशीर्वाद देकर जाती थी. नेग लेने में अगर कोई विवाद हो जाता तो सोनू को इसे सुलझाने के लिए बुलाया जाता. सभी किन्नर उसकी बात मानते थे. इसी कड़ी में सोनू ने अपने शहर की खराब स्थिति को देखकते हुए चुनाव लड़ने का फैसला किया. एक समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू में पीडीडीयू नगर की नवनिर्वाचित चेयरमैन ने बताया कि जनता ने जो भरोसा मुझपर दिखाया है मैं उसपर शत प्रतिशत खरा उतरने का प्रयास करूंगी.

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