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Karnataka Assembly चुनाव के 10 सबसे अमीर प्रत्याशियों का क्या है Result?

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं जिसके शुरूआती रुझान में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिल गया है. एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद दूसरी बार कांग्रेस की जीत की संभावना जताई गई है. बता दें, राज्य की कुल 224 विधानसभा सीटों पर 2615 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई है. बेलगाम जिले […]

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Karnataka Assembly चुनाव के 10 सबसे अमीर प्रत्याशियों का क्या है Result?
  • May 13, 2023 10:31 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं जिसके शुरूआती रुझान में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिल गया है. एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद दूसरी बार कांग्रेस की जीत की संभावना जताई गई है. बता दें, राज्य की कुल 224 विधानसभा सीटों पर 2615 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई है. बेलगाम जिले की 18 विधानसभा सीटों से सबसे ज़्यादा 187 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था. बता दें, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में से 1087 प्रत्याशी करोड़पति हैं. आइए जानते हैं इन सभी करोड़पति प्रत्याशियों का रिजल्ट क्या है…

संपत्ति और प्रत्याशी

प्रत्याशी और संपत्ति आगे या पीछे?
यूसुफ शरीफ, चिकपेट विधानसभा सीट, 1,633 करोड़ रुपये (निर्दलीय) पीछे
एन नागाराजू, होसाकोटे विधानसभा सीट, 1,609 करोड़ रुपये (भाजपा)
डीके शिवकुमार, कनकपुरा विधानसभा सीट, 1,413 करोड़ रुपये (कांग्रेस) आगे
प्रियकृष्ण, गोविंदराजनगर विधानसभा सीट, 1156 करोड़ रुपये (कांग्रेस)
सुरेश, हेबल विधानसभा सीट 648 करोड़ रुपये (कांग्रेस)
एनए हरीस, शांतिनगर विधानसभा सीट, (कांंग्रेस), 439 करोड़ रुपये पीछे
एचके सुरेश, बेलूर विधानसभा सीट, (भाजपा) 435 करोड़ रुपये आगे
के नारायण राजू, बोमनहल्ली विधानसभा सीट, जेडीएस, 416 करोड़ रुपये
अनिल एच लड, बेलार सिटी विधानसभा, जेडीएस, 380 करोड़ रुपये पीछे
देशपांडे रघुनाथ, हलियाल, कांग्रेस, 363 करोड़ रुपये

2018 में किसी को नहीं मिला था बहुमत

गौरतलब है कि एग्जिट पोल ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बनेगी? क्योंकि पोल ऑफ़ द पोल्स बताते हैं कि राज्य में कांग्रेस को अधिकांश सीटों पर जीत हासिल होगी लेकिन भाजपा, कांग्रेस और JDS में से किसी भी पार्टी को क्लियर कट बहुमत नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि पिछले चुनावी साल यानी 2018 में भी किसी पार्टी को पूर्ण रूप से बहुमत नहीं मिला था। पिछले विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन (कांग्रेस+जेडीएस) की सरकार ने राज्य की सत्ता संभाली थी। हालांकि बाद में लोकसभा चुनाव का असर हुआ और बागी विधायकों की बदौलत भाजपा को बहुमत मिल गया, लेकिन 2018 के चुनाव नतीजों में भी त्रिशंकु विधानसभा रही थी।

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