बेंगलुरु: आज कांग्रेस विधानसभा चुनाव का आखिरी और अंतिम दिन है जहां राज्य में अगली सरकार बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा. आज कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. जिसमें स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा सत्ता में वापसी करेगी या कांग्रेस इस बार बाजी मार जाएगी. जेडीएस इस बार भी किंगमेकर की भूमिका […]
बेंगलुरु: आज कांग्रेस विधानसभा चुनाव का आखिरी और अंतिम दिन है जहां राज्य में अगली सरकार बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा. आज कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. जिसमें स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा सत्ता में वापसी करेगी या कांग्रेस इस बार बाजी मार जाएगी. जेडीएस इस बार भी किंगमेकर की भूमिका में ही दिखाई दे रही है. इसी कड़ी में कर्नाटक विधानसभा चुनाव की हॉट सीट शिकारी पुरा विधानसभा सीट के रुझान सामने आए हैं.
शिकारी पुरा विधानसभा सीट से बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र इस समय 5176 वोटों से आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर इस सीट से निदर्लीय उम्मीदवार नागराज गौड़ा हैं और तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी गोनी मलतेश हैं। बता दें, इस सीट पर प्रदेश के बाहुबली राजनेताओं की पैनी नज़र है. भाजपा ने अपने कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र को इसी सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. फिलहाल इस सीट पर भी मतों की गिनती चल रही है.
पिता के निर्वाचन क्षेत्र से बीवाई विजयेंद्र को चुनावी मैदान में उतरने का फैसला काफी नाटकीय और अटकलों के बाद लिया गया है. पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि विजयेंद्र को कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया के खिलाफ लड़ना चाहिए. हालांकि भाजपा ने मांगों के खिलाफ ये फैसला लिया और येदियुरप्पा ने भी इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। बता दें, कांग्रेस प्रत्याशी जी. बी. मलतेश से बीवाई विजयेंद्र का सीधा मुकाबला होगा.
गौरतलब है कि एग्जिट पोल ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बनेगी? क्योंकि पोल ऑफ़ द पोल्स बताते हैं कि राज्य में कांग्रेस को अधिकांश सीटों पर जीत हासिल होगी लेकिन भाजपा, कांग्रेस और JDS में से किसी भी पार्टी को क्लियर कट बहुमत नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि पिछले चुनावी साल यानी 2018 में भी किसी पार्टी को पूर्ण रूप से बहुमत नहीं मिला था। पिछले विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन (कांग्रेस+जेडीएस) की सरकार ने राज्य की सत्ता संभाली थी। हालांकि बाद में लोकसभा चुनाव का असर हुआ और बागी विधायकों की बदौलत भाजपा को बहुमत मिल गया, लेकिन 2018 के चुनाव नतीजों में भी त्रिशंकु विधानसभा रही थी।
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