दक्षिण कर्नाटक में दबदबा, 20% वोट पर कब्जा… जानिए तीसरे नंबर पर आने वाली JDS कैसे बन जाती है किंगमेकर

बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर हुए 10 एग्जिट पोल में 5 हंग असेंबली की भविष्यवाणी कर रहे हैं। ऐसे में जेडीएस के एक बार फिर से किंगमेकर की भूमिका में सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है। जनता दल (सेक्युलर) के सहयोग के बिना कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाएगी। पोल ऑफ […]

Advertisement
दक्षिण कर्नाटक में दबदबा, 20% वोट पर कब्जा… जानिए तीसरे नंबर पर आने वाली JDS कैसे बन जाती है किंगमेकर

Vaibhav Mishra

  • May 12, 2023 11:20 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर हुए 10 एग्जिट पोल में 5 हंग असेंबली की भविष्यवाणी कर रहे हैं। ऐसे में जेडीएस के एक बार फिर से किंगमेकर की भूमिका में सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है। जनता दल (सेक्युलर) के सहयोग के बिना कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाएगी। पोल ऑफ पोल्स की माने तो चुनाव परिणामों में बीजेपी को 91, कांग्रेस को 108, जेडीएस को 22 और अन्य को 3 सीटें मिल सकती हैं। अब जनता ने किसके पक्ष में मतदान किया है ये कल यानी 13 मई को पता चल जाएगा, जब नतीजे आएंगे।

आइए आपको बताते हैं कि पिछले कई चुनावों में तीसरे नंबर पर आने वाली जेडीएस कैसे तीन बार सरकार बना चुकी है। कर्नाटक के इलाके तक सीमित यह पार्टी कैसे मौके का फायदा उठाकर दो बार राज्य में अपना मुख्यमंत्री बना चुकी है।

जनता दल (सेक्युलर) और देवेगौड़ा परिवार

जेडीएस की कमान स्थापना के बाद से हमेशा देवोगौड़ा परिवार के हाथ में ही रही है। इसीलिए अगर हमें जेडीएस की कहानी को जानना है तो सबसे पहले देवेगौड़ा परिवार के मुखिया एचडी देवेगौड़ा के सियासी सफर पर नजर डालना होगा। हरदनहल्ली डोडेगौडा देवगौड़ा जिन्हें एचडी देवेगौड़ा के नाम से जाना जाता है। उनकी चुनावी राजनीति साल 1962 में शुरू हुई, जब वे पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हैं और विधानसभा पहुंचते हैं। इसके बाद उनकी राजनीति कांग्रेस (ओ), जनता पार्टी (जेपी) से होते हुए जनता दल तक आ गई। आपातकाल के वक्त देवेगौड़ा जेल भी गए थे।

(एचडी कुमारस्वामी-एचडी देवेगौड़ा)

(एचडी कुमारस्वामी-एचडी देवेगौड़ा)

यूनाइटेड फ्रंट की सरकार में बने प्रधानमंत्री

एचडी देवेगौड़ा साल 1994 में जनता दल को कर्नाटक की सत्ता में लाने में कामयाब हुए। इसके बाद जनता दल सरकार में वे मुख्यमंत्री बने लेकिन वे ज्यादा दिनों तक बेंगलुरु में नहीं रह सके। 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी सिर्फ 140 सीटों पर सिमट गई, उसके बाद 46 सीटों वाले जनता दल ने 12 अन्य दलों के साथ यूनाइटेड फ्रंट का गठन किया और एचडी देवेगौड़ा दिल्ली आ गए। वे देश के प्रधानमंत्री बन गए, लेकिन देवेगौड़ा ज्यादा वक्त तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं रह सके और 1997 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया।

1999 में हुई जनता दल (सेक्युलर) की स्थापना

इस बीच साल 1997 में जनता दल का बिखराव हो गया और ये कई छोटे-छोटे दलों में विभाजित हो गया। इसके बाद 1999 में देवेगौड़ा ने कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) की स्थापना की। उनकी पार्टी मुख्य आधार दक्षिणी कर्नाटक है, जहां से वो अपनी ज्यादातर सीटें जीतती हैं। अपनी स्थापना के बाद से ही जेडीएस कर्नाटक चुनाव में तीसरे नंबर पर आती रही। इस दौरान तीन बार उसने सरकार भी बनाई। पार्टी पिछले दो दशकों से राज्य के 20 प्रतिशत वोट पर कब्जा किए बैठी है।

जेडीएस का अब तक का चुनावी सफर जानिए

साल 1999 – 10 सीट – 13.53% वोट शेयर
साल 2004 – 58 सीट – 18.96% वोट शेयर
साल 2008 – 40 सीट – 20.77% वोट शेयर
साल 2013 – 28 सीट – 20.90% वोट शेयर
साल 2018 – 37 सीट – 18.36% वोट शेयर

2004 में पहली बार कांग्रेस के साथ बनाई सरकार

कर्नाटक की सत्ता में जेडीएस किंग मेकर की भूमिका में पहली बार साल 2004 में आई, जब उसने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। दरअसल, 2004 के विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। भाजपा ने 79, कांग्रेस ने 65 सीटें जीती थीं, वहीं जनता दल (सेक्युलर) के खाते में 58 सीटें आईं। इसके बाद कांग्रेस-जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई। हालांकि यह सरकार 2 साल से ज्यादा नहीं चल सकी और जेडीएस कांग्रेस से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ चली गई। इसके बाद एचडी देवेगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी बीजेपी के समर्थन से पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बनते हैं। दोनों पार्टियों के बीच सीएम पद शेयर करने पर सहमति बनी थी, लेकिन बाद में कुमारस्वामी ने बीजेपी को समर्थन देने से इंकार कर दिया। इसके बाद 2008 में चुनाव हुआ और बीजेपी सरकार में आ गई।

Karnataka Election: क्या एचडी कुमारस्वामी एक सीट से चुनाव लड़कर ले रहे हैं  रिस्क? | karnataka Election: is jds Hd kumaraswamy taking risk to  contesting in single seat | TV9 Bharatvarsh

2018 में दूसरी बार मिली मुख्यमंत्री पद की कुर्सी

जेडीएस को दूसरी बार कर्नाटक के सीएम पद की कुर्सी मिली 2018 में जब विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत हासिल नहीं हुआ। इस चुनाव में बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन सरकार 80 सीटों वाली कांग्रेस और 37 सीटों वाली जेडीएस ने मिलकर बना ली। इस तरह एचडी कुमारस्वामी एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने। लेकिन इस बार भी कांग्रेस-जेडीएस की साझेदारी ज्यादा नहीं चल सकी। 2019 में कांग्रेस के 15 विधायकों ने इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद सदन में बहुमत नहीं होने की वजह से कुमारस्वामी सरकार गिर गई। बाद में गर्वनर ने बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी और राज्य में बीजेपी सरकार बन गई।

जनता दल (सेक्युलर) कैसे बन जाती है किंगमेकर

गौरतलब है कि जेडीएस की ताकत दक्षिण कर्नाटक में सीमित है। इस इलाके को ओल्ड मैसूर कहा जाता है। यहां हासन, रामनगर, मांड्या, तुमकुरू, मैसूर और दक्षिण कर्नाटक के अन्य जिलें आते हैं। ये क्षेत्र वोक्कालिगा समुदाय के दबदबे वाले हैं। देवेगौड़ा भी वोक्कलिगा समुदाय से आते हैं। इसी वजह से 64 विधानसभा सीटों वाले इस क्षेत्र में देवेगौड़ा परिवार का काफी प्रभाव है। पिछले कई चुनावों से ओल्ड मैसूर की ज्यादातर सीटें जनता दल (सेक्युलर) जीतने में कामयाब रही है। वोक्कालिगा समुदाय के एकतरफा समर्थन की वजह से ही जेडीएस किंग मेकर की भूमिका में आ जाती है।

Advertisement