कर्नाटक: 2018 में बहुमत से दूर रहने के बाद भी BJP ने बना ली सरकार, जानिए कांग्रेस-JDS सरकार के गिरने की पूरी कहानी

बेंगलुरु। कर्नाटक की जनता आज अपनी नई सरकार के लिए मतदान कर रही है। राज्य की सभी 224 सीटों पर एक साथ वोट डाले जा रहे हैं। कुल 2,615 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनके बीच टक्कर हो रही है। इसमें सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य लड़ाई है। वहीं,ओल्ड मैसूर रीजन और कई […]

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कर्नाटक: 2018 में बहुमत से दूर रहने के बाद भी BJP ने बना ली सरकार, जानिए कांग्रेस-JDS सरकार के गिरने की पूरी कहानी

Vaibhav Mishra

  • May 10, 2023 11:42 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बेंगलुरु। कर्नाटक की जनता आज अपनी नई सरकार के लिए मतदान कर रही है। राज्य की सभी 224 सीटों पर एक साथ वोट डाले जा रहे हैं। कुल 2,615 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनके बीच टक्कर हो रही है। इसमें सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य लड़ाई है। वहीं,ओल्ड मैसूर रीजन और कई अन्य सीटों पर प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) भी टक्कर में शामिल है।

इस बीच आइए आपकों बताते हैं कि 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम में बहुमत से दूर रहने के बाद भी कैसे बीजेपी ने अपनी सरकार बना ली और विधायकों की टूट के चलते कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सत्ता से दूर जाना पड़ा।

नतीजों में बहुमत से 9 सीट दूर रही BJP

बता दें कि, कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटें हैं। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ था। बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जिसनें 104 सीटें जीती थी। वहीं, तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को 80 और जनता दल (सेक्युलर) को 37 सीटें मिली थी। चुनाव के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर सरकार बना ली थी।

ऑपरेशन लोटस में टूटे कांग्रेस विधायक

विधानसभा चुनाव के बाद बना कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन ज्यादा दिन तक सरकार नहीं चला सका। बीजेपी के ऑपरेशन लोटस में 2019 के मई महीने में कांग्रेस के कई विधायक टूट गए और भाजपा में शामिल हो गए, जिसके बाद सीएम एचडी कुमारस्वामी की सरकार के पास बहुमत नहीं बचा और उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बाद में बीजेपी आलाकमान ने उम्र का हवाला देते हुए येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया।

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