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कानपुर: UP ATS की बड़ी कामयाबी! 7 अवैध रोहिंग्याओं समेत एक एजेंट गिरफ्तार

कानपुर: उत्तर प्रदेश ATS टीम को सोमवार को बड़ी कामयाबी मिली है जहां कानपुर जिले में 7 अवैध रोहिंग्याओं समेत एक एजेंट गिरफ्तार किया गया है. यूपी आंतकवाद निरोधक दस्ता (UP ATS) ने जिन सात अवैध रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है उसमें 4 महिलाएं भी शामिल हैं. इसके अलावा 3 पुरुष और एक एजेंट को […]

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कानपुर: UP ATS की बड़ी कामयाबी! 7 अवैध रोहिंग्याओं समेत एक एजेंट गिरफ्तार
  • May 8, 2023 8:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

कानपुर: उत्तर प्रदेश ATS टीम को सोमवार को बड़ी कामयाबी मिली है जहां कानपुर जिले में 7 अवैध रोहिंग्याओं समेत एक एजेंट गिरफ्तार किया गया है. यूपी आंतकवाद निरोधक दस्ता (UP ATS) ने जिन सात अवैध रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है उसमें 4 महिलाएं भी शामिल हैं. इसके अलावा 3 पुरुष और एक एजेंट को ATS टीम ने गिरफ्तार किया है.

बस अड्डे से किया गिरफ्तार

जानकारी के अनुसार ये सभी अवैध रोहिग्यायों को कानपुर के झकरकटी बस अड्डे के पास से गिरफ्तार किया गया है. बीते शनिवार शाम 6 बजे के आसपास कानपुर के झकरकटी बस अड्डे के पास से ये कार्रवाई की गई थी. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार अवैध रोहिंग्या भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पार करके त्रिपुरा से आए थे और कानपुर में रह रहे थे. इन सबका जाली भारतीय डॉक्यूमेंट वोटर और आधार कार्ड बना हुआ था जिसके आधार पर ये सभी अब तक टिके हुए थे.

मिले जाली आधार कार्ड

जब पुलिस ने इन सातों को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की तो पता चला कि इन सब में एक एजेंट भी शामिल है. पूछताछ के बाद पता चला कि इन सभी को एजेंट अनवर और विमल मियां कानपुर लेकर आए. इन्हीं एजेंटों ने इनके कानपुर में फर्जी डॉक्यूमेंट बनवाए जिसके बाद से ये सभी शहर के नामी गिरामी झकरकटी बस अड्डे के पास रह रहे थे.

गिरफ्तार अवैध रोहिग्याओं के नाम

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए सभी रोहिंग्याओं के नाम जारी किए हैं. इनमें-

सुबीर शब्दाकर (33 वर्ष)
मोहम्मद जकारिया (38 वर्ष)
नूर मुस्तफा (20 वर्ष)
शोएब (19 वर्ष)
नूर हबीबा (21 वर्ष)
फारसा (20 वर्ष)
रजिया (19 वर्ष)
सबकुर नाहर (20 वर्ष)

इस तरह काम करता है गिरोह

जानकारी के अनुसार शहर में अवैध रोहिंग्याओं को बसाने के लिए एक पूरा गिरोह काम करता है. म्यांमार से बांग्लादेश इन रोहिग्याओं को लाया जाता है. इन्हें इसके बाद असम, त्रिपुरा पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से चोरी छिपे घुसाया जाता है. इसके बाद ये देश के अलग-अलग हिस्सों में जाली आधार बनाकर रहते हैं.

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