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Delhi में ओवरटाइम करने का मिलेगा दोगुना पैसा, श्रम विभाग ने मंजूर किया प्रस्ताव

नई दिल्ली: अब राष्ट्रीय राजधानी में काम करने वाले कर्मचारियों को ओवर टाइम का दोगुना पैसा दिया जाएगा. दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसकी पॉलिसी के अनुसार यदि कोई कर्मचारी एक दिन में 8 घंटे से अधिक काम करता है या एक हफ्ते में 48 घंटे से अधिक […]

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Delhi में ओवरटाइम करने का मिलेगा दोगुना पैसा, श्रम विभाग ने मंजूर किया प्रस्ताव
  • April 28, 2023 11:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: अब राष्ट्रीय राजधानी में काम करने वाले कर्मचारियों को ओवर टाइम का दोगुना पैसा दिया जाएगा. दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसकी पॉलिसी के अनुसार यदि कोई कर्मचारी एक दिन में 8 घंटे से अधिक काम करता है या एक हफ्ते में 48 घंटे से अधिक काम कर रहा है तो इसे ओवरटाइम मना जाएगा. इसके तहत किसी कर्मचारी के ओवर टाइम करने पर उसे न्यूनतम मजदूरी के आधार पर हर घंटे के हिसाब से दोगुना तनख्वाह दी जाएगी.

सात दिनों तक नहीं कर पाएंगे ओवरटाइम

इसी कड़ी में किसी भी व्यक्ति को एक दिन में 12 घंटे से अधिक काम नहीं करने की बात कही गई है और ना ही लगातार सात दिनों तक ओवर टाइम करने के लिए कहा गया है. एक व्यक्ति एक हफ्ते में केवल 60 घंटों तक ही अधिकतम काम कर सकेगा. इतना ही नहीं अब नियोक्ताओं को कर्मचारियों को साल में कुछ छुट्टियां भी देनी अनिवार्य हो गई हैं.

 

एक्सपीरियंस लेटर और सैलरी स्लिप मिलेगी

किभी भी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को नई पॉलिसी के तहत जॉइनिंग और अनुभव पत्र देना अनिवार्य होगा. यह नियोक्ताओं को सुनिश्चित करना होगा कि उनके यहां सभी कर्मचारियों का रिकॉर्ड दर्ज होगा. सभी कर्मचारियों को इसी के साथ सैलरी स्लिप भी जरूर दी जाएगी.

पॉलिसी के अनुसार जहां भी प्रवासी कर्मचारी होंगे वहां उन्हें साल में एक बार नियोक्ताओं को यात्रा भत्ता देना होगा. नियोक्ताओं को इसके लिए कर्मचारी के लिए कुछ राशि तय करनी होगी. यात्रा भत्ता में कर्मचारी के रेल या बस यात्रा की आने और जाने की टिकट राशि को शामिल किया गया है.

फैक्ट्रियों में काम करने वालों के लिए सुविधा

इसके अलावा जितने भी कर्मचारी दिल्ली में खतरनाक केमिकल और सामग्री से संबंधित फैक्ट्रियों में काम कर रहे हैं उनके लिए हर साल मेडिकल जांच की जिम्मेदारी ली जाएगी. फैक्ट्री संचालक इस मेडिकल टेस्ट की जिम्मेदारी लेगा. जहां वह सुनिश्चित करेगा मेडिकल इंस्पेक्टर द्वारा प्रस्तावित जांच करवाई जाए. श्रम विभाग के इंस्पेक्टर लोगों को खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर फैक्ट्री का निरीक्षण करेंगे. यदि नियोक्ता इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाते हैं तो श्रम विभाग उनके खिलाफ उचित कदम उठाएगा. इसके अलावा यदि किसी कंपनी, फैक्ट्री या अन्य कार्यस्थल पर कोई भी दुर्घटना होती है तो नियोक्ता को 12 घंटे में घटना की जानकारी श्रम विभाग को देनी होगी.

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