लखनऊ: यूपी का प्रयागराज एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। यहां के CMO कार्यालय में तैनात डिप्टी सीएमओ (Deputy CMO) डॉ. सुनील कुमार सिंह की एक होटल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह होटल सिविल लाइन इलाके का बताया जा रहा है। सुबह जब होटल का कमरा नहीं खुला तो होटल के स्टाफ […]
लखनऊ: यूपी का प्रयागराज एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। यहां के CMO कार्यालय में तैनात डिप्टी सीएमओ (Deputy CMO) डॉ. सुनील कुमार सिंह की एक होटल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह होटल सिविल लाइन इलाके का बताया जा रहा है। सुबह जब होटल का कमरा नहीं खुला तो होटल के स्टाफ ने इसकी सूचना सिविल पुलिस थाने को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंचे सिविल कमिश्नर और ACP ने कमरा खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन जब कमरा नहीं खुला तो दरवाजा तोड़कर कमरा खोला गया था। दरवाजा खुलने के बाद अंदर का नज़ारा देखकर खुद पुलिस भी दंग रह गई। जी हां,पुलिस को Deputy CMO का शव पंखे से लटका बरामद हुआ।
जब पुलिस ने शव को नीचे उतारा तो देखा कि डॉ. सुनील कुमार सिंह की सांसे थम चुकी थी। मौके पर पहुंची पुलिस के मुताबिक, फिलहाल कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन होटल का कमरा अंदर से लॉक था, इसलिए पहली बारी में देखने से तो यह सुसाइड का मामला लग रहा है। साथ ही पुलिस ने साफ किया है कि CMO की मौत का अतीक अहमद के माफिया केस से कोई लेना-देना नहीं है।
गौरतलब है कि Deputy CMO सुनील कुमार सिंह वाराणसी के रहने वाले थे। सुनील कुमार की उम्र लगभग 45 वर्ष है, उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। वह प्रतिदिन वाराणसी से प्रयागराज आया करते थे। यदि किसी दिन जल्दी आना होता था तो वह एक दिन पहले पहुंच कर किसी होटल में ठहरा करते थे। CMO के ड्राइवर सतीश सिंह के मुताबिक, सुनील कुमार सिंह का ड्राइवर कल दोपहर उन्हें वाराणसी से प्रयागराज ले गया, जिसके बाद वह सिविल लाइन स्थित विठ्ठल होटल के कमरा नंबर 106 में रुके। हालांकि इस दौरान ड्राइवर सतीश सिंह बाहर ही था।
ड्राइवर की मानें तो, उसे CMO के बारे में पारिवारिक तनाव या काम के दबाव की जानकारी नहीं है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर छानबीन करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने मामले की जानकारी CMO के परिजनों को दे दी है और परिजनों के प्रयागराज आने का इंतजार कर रही है। इसके अलावा पुलिस भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद परिजनों से बात कर मामले पर कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बताया जा रहा है वह खुशमिजाज, सबके साथ मिलनसार और काम करने में सक्षम था, अब यह साफ नहीं है कि उसने यह कदम क्यों उठाया?