नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अब पुलिस हिरासत में है और अमृतपाल 18 मार्च से फरार चल रहा था। अमृतपाल खुद को जनरल सिंह भिंडरांवाले के जैसा मानता था। अमृतपाल भी उसी ढर्रे पर चल रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, अमृतपाल सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया […]
नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अब पुलिस हिरासत में है और अमृतपाल 18 मार्च से फरार चल रहा था। अमृतपाल खुद को जनरल सिंह भिंडरांवाले के जैसा मानता था। अमृतपाल भी उसी ढर्रे पर चल रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, अमृतपाल सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल सिंह व उसके साथियों पर रासुका समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दो वर्गों के बीच दुश्मनी फैलाने, हत्या का प्रयास करने, पुलिस कर्मियों पर हमला करने और सरकारी काम में बाधा डालने जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
➨ NSA के बाद ज़मानत मिलना मुश्किल
पंजाब पुलिस ने पहले ही वारिस पंजाब डे प्रमुख के खिलाफ सख्त NSA लागू कर दिया था। NSA लागू होने के कारण अब अमृतपाल सिंह 3 महीने तक जेल से बाहर नहीं निकल पाएगा और इस अवधि को अधिकतम 12 महीने तक बढ़ाया भी जा सकता है। बड़े अपराधी NSA लगाए जाने से खौफ खाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके तहत गिरफ्तार होने के बाद बाहर निकलना काफी ज़्यादा कठिन होता है। आइए इस खबर के माध्यम से NSA को अच्छे से समझते है।
➨ रासुका क्या है ?
आपको बता दें , जब किसी व्यक्ति को देश की सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है तो उसके खिलाफ रासुका (NSA) के तहत मामला दर्ज किया जाता है।राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 के तहत अगर सरकार किसी पर NSA लगाई जाती है तो उसे तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार किया जा सकता है। यह कानून तीन महीने तक जमानत के बिना उस व्यक्ति को हिरासत में रखने का हक़ देता है।
➨ इंदिरा गांधी ने लागू किया था कानून
इस कानून के तहत, पुलिस को आरोपी की हिरासत के लिए अदालत में शिकायत दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है। यह अवधि तीन माह से 12 माह तक की जा सकती है। 23 सितंबर, 1980 को, इंदिरा गांधी ने प्रधान मंत्री रहते हुए इस कानून को लागू किया। हमने उन्हें बताया कि 23 फरवरी 2013 को अमृतपाल सिंह ने अपने एक समर्थक को छुड़ाने के लिए पंजाब के अजनाला पुलिस थाने पर हमला बोल दिया। तभी से वह पुलिस के राडार पर था। पुलिस से बचने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना और हुलिया लगातार बदल रहा था।
➨ NSA का क्या होता है?
आसान भाषा में समझें तो NSA के मुताबिक, एक संदिग्ध को बिना जमानत के तीन महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है। यदि ज़रुरी हुआ, तो अवधि को तीन-तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है। हिरासत में रखने के लिए, संदिग्ध को आरोपित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हिरासत में लिया गया व्यक्ति केवल उच्च न्यायालय के सलाहकार बोर्ड में अपील कर सकता है। जब मामला अदालत में आता है, तो सरकारी वकील मामले को अदालत में बताता है।