नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य एक महान अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और मार्गदर्शक के तौर पर जाने जाते हैं। चाणक्य की नीति में बताई गई बातें आज के ज़माने में भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य नीति में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने के प्रभावी उपाय बताए गए हैं। अगर इन बातों को अपना लिया जाए तो इंसान को […]
नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य एक महान अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और मार्गदर्शक के तौर पर जाने जाते हैं। चाणक्य की नीति में बताई गई बातें आज के ज़माने में भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य नीति में सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने के प्रभावी उपाय बताए गए हैं। अगर इन बातों को अपना लिया जाए तो इंसान को अमीर बनते देर नहीं लगती। इतना ही नहीं, उसके पास हमेशा पैसा रहता है। आपके जीवन में खुशियां आती हैं, आपको तरक्की, पद, पैसा, सब कुछ मिलता है। आइए जानते हैं चाणक्य नीति में बताए गए मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय।
• चाणक्य नीति के अनुसार अगर आप मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो हमेशा भोजन का सम्मान करें। अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा मां लक्ष्मी का ही रूप हैं। अन्न की बर्बादी या अपमान करने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं और ऐसे घर में मां लक्ष्मी का कभी वास नहीं होता। जबकि जिस घर में अन्न का सम्मान होता है उस घर में धन और धान्य की कभी कमी नहीं होती है।
• धन की देवी मां लक्ष्मी को साफ-सफाई बेहद पसंद है। जिन घरों में हमेशा स्वच्छता रहती है। रात में किचन गंदा नहीं रहता है। जूठे बर्तन वहां नहीं रहते, मां लक्ष्मी का वहां सदैव वास रहता है।
• जिन घरों में लोग हमेशा प्यार से मिलजुल कर रहते हैं। हम बुजुर्गों का सम्मान करते हैं। पति-पत्नी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। इन घरों में हमेशा मां लक्ष्मी का वास रहता है।
• जो लोग अपनी आय का कुछ हिस्सा दान में खर्च करते हैं उनके पास कभी धन की कमी नहीं होती है। यही कारण है कि आपको हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
• वो भी जो अपना पैसा बुरी आदतों, बुरी नौकरियों, फालतू की नौकरियों पर खर्च नहीं करते हैं। साथ ही धन की फिजूलखर्ची नहीं करते। ऐसे लोगों के पास पैसे की कमी नहीं होती बल्कि ये लोग कठिन समय में भी आसानी से पार पा जाते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए इनख़बर किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है।)