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पंजाब सरकार ने UP के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का खर्चा देने से किया इनकार, सीएम मान ने वापस लौटाई फाइल

चंडीगढ़: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी संबंधित लाखों रुपये के कानूनी खर्च देने से मना कर दिया है. वहीं इस संबंध में सीएम कार्यालय ने लगभग 55 लाख रुपये का भुगतान कर फाइल वापस लौटा दी है. जानकारी के अनुसार यह बिल सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील […]

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पंजाब सरकार ने UP के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का खर्चा देने से किया इनकार, सीएम मान ने वापस लौटाई फाइल
  • April 21, 2023 8:01 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

चंडीगढ़: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी संबंधित लाखों रुपये के कानूनी खर्च देने से मना कर दिया है. वहीं इस संबंध में सीएम कार्यालय ने लगभग 55 लाख रुपये का भुगतान कर फाइल वापस लौटा दी है. जानकारी के अनुसार यह बिल सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील का था, जिन्होंने कैप्टन सरकार के दौरान पंजाब की रोपड़ जेल में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की हाजिरी बरकरार रखने को लेकर अदालत में केस लड़ा था.

मुख्यमंत्री मान ने वापस लौटाई फाइल

दरअसल इस वकील की एक-एक पेशी पर पंजाब सरकार को तकरीबन 11 लाख रुपए का खर्च आया. वहीं इस बात की सूचना खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट के जरिए दी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर बताया है कि उत्तर प्रदेश के अपराधी अंसारी को आराम और सुविधा के साथ रोपड़ जेल में रखा गया था. वहीं 48 बार वारंट जारी करने के बाद
भी पेश नहीं हुआ, महंगे वकील, कीमत 55 लाख, खर्चे से फाइल वापस लौटा दी गई है.

रोपड़ जेल में कैद था गैंगस्टर अंसारी

जानकारी के मुताबिक गैंगस्टर अंसारी लगभग ढाई साल (2019-2021) पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था. आपको बता दें कि मोहाली पुलिस ने एक बिल्डर की शिकायत पर अंसारी के विरुद्ध केस दर्ज किया था. साथ ही मुख्तार अंसारी के खिलाफ यूपी में तकरीबन 47 मुकदमे दर्ज हैं, जिनके निस्तारण के लिए विशेष अदालत का गठन किया गया है. दरअसल उत्तर प्रदेश पुलिस चाहती थी कि पंजाब सरकार मुख्तार अंसारी को वापस भेजे, लेकिन पंजाब सरकार अंसारी को वापस भेजने से मना करती रही.

यूपी सरकार ने खटखटाया था अदालत का दरवाजा

जहां इस बात का पता चला है कि यूपी सरकार ने 25 बार पंजाब सरकार को चिट्ठी लिखकर अंसारी की वापसी की मांग की थी और हर बार पंजाब सरकार ने मुख्तार अंसारी की खराब तबियत की बात की थी. आखिरकार यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके खिलाफ पंजाब सरकार ने एक वरिष्ठ अधिवक्ता की सेवाएं लेकर केस लड़ा. इसी केस की फीस बिल 55 लाख रुपए था. साथ ही सीएम कार्यालय को लगता है कि क्यों 55 लाख रुपये का बोझ राजकोष पर डाला जाए, जिसकी वजह से भुगतान की गई फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा वापस लौटा दी गई है.

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