UP : भीषण गर्मी के चलते गाजियाबाद में स्कूलों का समय बदला

लखनऊ : गर्मी का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है जिसके चलते लोग बेहाल हो गए है. गर्मी के चलते यूपी के कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है. जिलाधिकारी के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से नोटिफिकेशन जारी किया गया. कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूलों का […]

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UP : भीषण गर्मी के चलते गाजियाबाद में स्कूलों का समय बदला

Vivek Kumar Roy

  • April 20, 2023 6:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

लखनऊ : गर्मी का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है जिसके चलते लोग बेहाल हो गए है. गर्मी के चलते यूपी के कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है. जिलाधिकारी के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से नोटिफिकेशन जारी किया गया. कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूलों का समय सुबर 7 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर में 12 बजकर 30 मिनट तक चलेगा. बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें स्कूल के समय के बदलाव का जिक्र किया गया है.

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यह फैसला बढ़ते गर्मी की वजह से लिया गया है. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये फैसला उस समय लिया गया है जब गर्मी रहती है. अगर स्कूल का समय नहीं बदला गया रहता तो बच्चों की तबियत बिगड़ जाती.

लू ने ली 17 हजार लोगों की जान

वहीं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम राजीवन द्वारा लिखे गए एक पेपर से पता चलता है कि लू ने भारत में 50 साल में 17 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली है। ये पेपर साल 2021 में प्रकाशित हुआ था इसमें बताया गया है कि 1971-2019 तक देश में लू की 706 घटनाएं हुई हैं।

फरवरी 2023 का दिन रहा सबसे गर्म

बता दें, 1901 के बाद 2023 फरवरी का महीना सबसे ज्यादा गर्म रहा है. हालांकि, मार्च 2023 में सामान्य से अधिक बारिश हुई, जिससे तापमान सामान्य रहा. वहीं साल 2022 का मार्च अबतक का सबसे गर्म और 121 वर्षें में तीसरा सबसे सूखा वर्ष था, जिसमें तापमान सामान्य रहा. एक रिपोर्ट की माने तो देश में करीब 75 प्रतिशत कर्मचारी यानी लगभग 38 करोड़ लोग गर्मी की वजह से तनाव में रहते हैं.

फरवरी 2023 का दिन रहा सबसे गर्म

बता दें, 1901 के बाद 2023 फरवरी का महीना सबसे ज्यादा गर्म रहा है. हालांकि, मार्च 2023 में सामान्य से अधिक बारिश हुई, जिससे तापमान सामान्य रहा. वहीं साल 2022 का मार्च अबतक का सबसे गर्म और 121 वर्षें में तीसरा सबसे सूखा वर्ष था, जिसमें तापमान सामान्य रहा. एक रिपोर्ट की माने तो देश में करीब 75 प्रतिशत कर्मचारी यानी लगभग 38 करोड़ लोग गर्मी की वजह से तनाव में रहते हैं.

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