प्रयागराज: यूपी के बाहुबली और माफिया डॉन से चर्चित अतीक अहमद वो नाम था जिससे हर कोई खौफ खाता था। खैर… अब अतीक का अंत हो चुका है। सरेआम अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई थी। इसके बाद तीनों आरोपियों ने अपने आप को पुलिस के हवाले कर दिया था। फिलहाल तीनों आरोपियों […]
प्रयागराज: यूपी के बाहुबली और माफिया डॉन से चर्चित अतीक अहमद वो नाम था जिससे हर कोई खौफ खाता था। खैर… अब अतीक का अंत हो चुका है। सरेआम अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई थी। इसके बाद तीनों आरोपियों ने अपने आप को पुलिस के हवाले कर दिया था। फिलहाल तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। तीनों अपराधियों से पूछताछ के लिए पुलिस ने अलग फॉर्मूला निकाला है। दरअसल पुलिस आरोपियों से मनोवैज्ञानिक रूप से पूछताछ कर रही है। पुलिस तीनों आरोपियों से उनके जीवन, परिवार, आदतों और शौक के बारे में अलग-अलग पूछताछ कर रही है ताकि पूछताछ के दौरान आरोपी कंफर्टेबल महसूस करें।
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि अतीक के तीन शूटर्स में से एक लवलेश तिवारी भी था। लवलेश को सोशल मीडिया के जरिए मशहूर होने की जबरदस्त ख्वाहिश थी। वहीं तीनों आरोपियों में सनी सिंह को सबसे ज्यादा अपराधी माना जाता था। पुलिस ने कहा कि तीनों आरोपी पहली रात को अपने थ्योरी पर कायम रहे। पुलिस का मानना है कि आरोपी पुलिस को गुमराह भी कर रहे हैं। लवलेश तिवारी बार-बार दोहराता रहा कि उसने पैसा और शोहरत कमाने के लिए सनी सिंह और अरुण के साथ मिलकर माफिया अतीक और अशरफ को मारा। लेकिन इस अपर पुलिस को शक है।
शूटर सन्नी सिंह ने दोहराया कि मेरा कोई आका (सरगना) नहीं है। मैं खुद डॉन हूं। जब पुलिस ने अरुण मौर्य से पूछा कि जिगाना जैसी खतरनाक और महंगी बंदूक किस दोस्त ने उसे दी है, तो जवाब था कि उसे नहीं पता था कि यह इतनी कीमती बंदूक है, वह इसे एक अच्छा हथियार मानता हैं। सनी सिंह पूछताछ के दौरान सुंदर भाटी से संपर्क करने की बात को कबूल किया है। सनी ने कहा कि सुंदर भाटी से संपर्क हमीरपुर जेल में बंद रहने के दौरान हुआ, लेकिन जेल बदलने के बाद फिर कभी उससे बात-चीत नहीं हुई।
दरअसल, अतीक-अशरफ शूटआउट के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि तीनों आरोपियों ने मौके पर ही सरेंडर कर दिया था, लेकिन ऐसा भी भी माना जा रहा है कि ये तीनों किसी के कहने पर ही इस शूटआउट को अंजाम देने आए थे। क्योंकि अभी तक ऐसा कुछ सामने नहीं आया है जिससे यह पता चल सके कि इन तीनों आरोपियों की अतीक-अशरफ से निजी दुश्मनी थी। बहरहाल, FIR में दर्ज हर बात को हजम करना किसी के लिए भी आसान नहीं है।