सूरत। गुजरात के सूरत में सत्र अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी। बता दें, मोदी सरनेम केस में आपराधिक मानहानि के दोषी करार दिए गए राहुल गांधी ने कोर्ट से राहत की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। मोदी सरनेम मामले में 2 साल की […]
सूरत। गुजरात के सूरत में सत्र अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी। बता दें, मोदी सरनेम केस में आपराधिक मानहानि के दोषी करार दिए गए राहुल गांधी ने कोर्ट से राहत की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। मोदी सरनेम मामले में 2 साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी छिन चुकी है। सीजेएम कोर्ट के 23 मार्च के फैसले को चुनौती देते हुए राहुल गांधी ने सेशंस कोर्ट में अपील दायर की थी। यहां से झटका लगने के बाद अब उन्हें हाई कोर्ट का रुख करना होगा।
बता दें, सेशंस कोर्ट ने अपने 27 पेज के ऑर्डर में राहुल गांधी के पद और कद का जिक्र करते हुए नसीहत दी कि उन्हें शब्दों का चयन संभलकर करना चाहिए। जज आरपी मोगेरा ने यह भी माना है कि राहुल गांधी की ओर से कही गई बात से शिकायतकर्ता और मन – मस्तिष्क को चोट लगी है। कोर्ट ने कहा कि इस तथ्य में कोई विवाद नहीं कि याचिकाकर्ता संसद के सदस्य थे। और दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष थे और ऐसे कदम को देखते हुए उन्हें अपने शब्दों को लेकर अधिक सतर्क होना चाहिए।
उधर, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में ओबीसी समाज को गाली दिया था। ये सब करने के बाद गांधी परिवार सोच रहा था कि वो बचकर निकल जाएगा, लेकिन ये नहीं हो पाया। पात्रा ने कहा कि सूरत कोर्ट का फैसला गांधी परिवार के मुंह पर तमाचा है। आज अदालत के फैसले से सिद्ध हो गया कि कानून सबके लिए बराबर होता है।