नई दिल्ली। इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है जो दुनिया भर के देशों में देखा जा रहा है हालांकि ये भारत में देखने को नहीं मिलेगा ऐसे ग्रहण को हाइब्रिड ग्रहण कहा जाता है। जो हर 100 साल में कुछ ही बार आते हैं। आपको बता दें कि अमावस्या तिथि को सूर्य […]
नई दिल्ली। इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण लग चुका है जो दुनिया भर के देशों में देखा जा रहा है हालांकि ये भारत में देखने को नहीं मिलेगा ऐसे ग्रहण को हाइब्रिड ग्रहण कहा जाता है। जो हर 100 साल में कुछ ही बार आते हैं। आपको बता दें कि अमावस्या तिथि को सूर्य ग्रहण और पूर्णिमा तिथि को चंद्र ग्रहण लगता है। ज्योतिषियों की मानें तो ग्रहण के पूर्व काल को सूतक कहा जाता है। सूर्य ग्रहण का सूतक काल अधिक और चंद्र ग्रहण का सूतक काल कम होता है। सूर्य ग्रहण के समय सूतक चार प्रहर पहले यानी कि 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है।
इस वर्ष का सूर्य ग्रहण और भी खास इसलिए हो जाता है क्योंकि यह शताब्दी में केवल कुछ ही बार लगता है। लेकिन भारत में यह दिखाई नहीं देगा जबकि अन्य देशों जैसे जापान, चीन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में इसे देखा जा रहा है। दुनिया भर के लोग इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर रहे हैं। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से सूर्य ग्रहण की बहुत सी सुन्दर तस्वीरें और विडिओ सामने आ रहे हैं।
BABY, BABY, YOU'RE MY SUN AND MOON 🎶
A photographer captured the rare hybrid solar eclipse that graced their neighborhood in Burnay Sands, Gitagum, Misamis Oriental on Thursday.
Uploader Ian Christopher Valenzuela shared that it was his first time capturing a solar eclipse. pic.twitter.com/2GJuqSD6jo
— The Philippine Star (@PhilippineStar) April 20, 2023
#SolarEclipse2023
Así se registró el #EclipseSolar en #Exmouth, #Australia.
Hermoso momento!!!! pic.twitter.com/DII8a2s1Pl— Walter Verst (@WalterVerst) April 20, 2023
आज साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण शुरू हो गया है। भारतीय समय के मुताबिक आज गुरुवार की सुबह तकरीबन 07 बजकर 04 मिनट से सूर्य ग्रहण शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि यह सूर्य ग्रहण बेहद ही खास है क्योंकि एक साथ आपको आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य नजर आएंगे। इस वजह से इस हाइब्रिड सूर्य ग्रहण भी बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक यह सूर्य ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के तौर पर शुरू होगा फिर वक्त के साथ यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में बदल जाएगा। फिर अंत में दोबारा से कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में नजर आने लगेगा।
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